ऋषिकेश में महारैली में उमड़े प्रदेशभर से लोग, सशक्त भू-कानून की मांग को लेकर बड़े आंदोलन की तैयारी
दो दिन पहले उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राज्य में सशक्त भू-कानून लागू करने की बात कही, मगर सीएम ने इसमें समय लगने की बात कही। मगर सीएम के बयान के बाद उत्तराखंड में सशक्त भू-कानून की मांग कर रहे लोगों के आंदोलन को जैसे पंख लग गये।
इसी का नतीजा रहा है कि बीते दिन ऋषिकेश में भू-कानून की मांग को लेकर हजारों को सड़कों पर उतर आये।
’मूल निवास, भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति’ के आह्वान पर हुई इस महारैली में प्रदेश के विभिन्न राजनीतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक संगठनों, पूर्व सैनिकों, पूर्व कर्मचारियों ने शिरकत की।
भू-कानून की मांग कर रहे लोगों का कहना है कि मूल निवासियों को उनका वाजिब हक नहीं मिल पाया है और अब हालात इतने खतरनाक हो चुके हैं कि मूल निवासी अपने ही प्रदेश में दोयम दर्जे के नागरिक बनते जा रहे हैं। आज न मूल निवासियों को नौकरी मिल रही और न ठेकेदारी। हर तरह के संसाधन मूल निवासियों के हाथों खिसकते जा रहे हैं। लिहाजा मूल निवास की कट ऑफ डेट 1950 लागू करने के साथ ही मजबूत भू-कानून लागू किया जाए।
मूल निवास भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति ने ये भी ऐलान किया कि अब जब तक भू-कानून लागू नहीं होता आंदोलन लगातार बढ़ता चला जाएगा।