निकायों में ओबीसी का आरक्षण तय, बढ़ सकती है ओबीसी की सीटें
उत्तराखंड के सभी नगर निगमों, नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों में इस बार ओबीसी का आरक्षण बढ़ने जा रहा है। इसके लिए गठित एकल सदस्यीय समर्पित आयोग ने सर्वेक्षण पूरा होने के बाद ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। जनवरी के दूसरे सप्ताह तक आयोग अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप देगा। इस रिपोर्ट के आधार पर ही आगामी निकाय चुनाव में आरक्षण तय होगा।
अब तक प्रदेश के सभी नगर निकायों में ओबीसी की हिस्सेदारी 14 प्रतिशत होती थी। जबकि एससी की 19 और एसटी की 4 प्रतिशत तय थी। हाईकोर्ट के आदेश के तहत गठित एकल सदस्यीय समर्पित आयोग ने प्रदेश के सभी नगर निकायों का ओबीसी सर्वेक्षण कराया है। इस सर्वेक्षण का मकसद है कि अन्य पिछड़ा वर्ग को निकायों में उनकी हिस्सेदारी मिल सके। सूत्रों के मुताबिक, आयोग ने जो ड्राफ्ट तैयार किया है, उसमें न केवल नगर निगम बल्कि नगर पालिका व नगर पंचायतों में ओबीसी की हिस्सेदारी बढ़ाने की पैरवी की गई है।
नगर निगमों में 18 से 20 प्रतिशत, नगर पालिकाओं में 27 से 28 प्रतिशत और नगर पंचायतों में 35 से 36 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण हो सकता है। वहीं, आयोग अब सभी निकायों में कुल वार्डों के मुकाबले ओबीसी के आरक्षण की रिपोर्ट भी तैयार कर रहा है। ताकि सरकार को पता चल सके कि किस निकाय में ओबीसी के कितने वार्ड होने चाहिए।