सीएम पुष्कर सिंह धामी से मिला नेपाली डेलीगेशन, यूक्रेन-रूस युद्ध से बदले वैश्विक हालातों के बीच भारत-नेपाल संबंधों में नया मोड़
देहरादून- नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा के भारत दौरे के बाद आज नेपाल की संसदीय समिति ने उत्तराखण्ड पहुंचकर सीएम पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की है। इस मुलाकात में दोनों देशों के बीच चले आ रहे पारंपरिक रिश्तों को और मजबूत बनाने पर चर्चा हुई। नेपाल में केपी शर्मा ओली की कम्यूनिस्ट सरकार के हटने के बाद नेपाली कांग्रेस ने सरकार बनाई और प्रधानमंत्री बनने के बाद शेर बहादुर देउबा का पहली बार भारत दौरा हुआ है। यूक्रेन-रूस युद्ध के चलते अलग-अलग खेमों में बंटे देश और बदली वैश्विक परिस्थियों ने नेपाल को भारत की उदारता का एहसास भी हुआ है। यही कारण है कि इस वक्त नेपाल भारत की ओर आशा भरी निगाहों से देख रहा है। बीते दिन दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा के बीच हुई मुलाकात ने दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूती मिली है। भारत में भाजपा की सरकार है और देश के पांच राज्य नेपाल के साथ अंतर्राष्ट्रीय सीमा को साझा करते हैं। जिसमें से उत्तराखण्ड, यूपी में भाजपा की ही सरकार है। बिहार में भी भाजपा समर्थित सरकार चल रही है। केवल सिक्किम और पश्चिम बंगाल में भाजपा नहीं है। ऐसे में भारत-नेपाल के बीच उत्तराखण्ड, यूपी और बिहार से जुड़े सीमा विवाद को सुलझाने का अवसर भी बन रहा है।
पुष्कर सिंह धामी से मिला नेपाली डेलीगेशन
उत्तराखण्ड के सीएम पुष्कर सिंह धामी खटीमा विधानसभा से आते हैं और खटीमा विधानसभा सीट नेपाल सीमा से लगी है। नेपाल के सीमावर्ती विधायकों और जनप्रतिनिधियों से भी पुष्कर सिंह धामी के अच्छे संबंध हैं। ऐसे में नेपाल की संसदीय समिति के विधायक और समन्वयक उत्तराखंड पहुंचे और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की। इस दौरान उत्तराखंड के सीमावर्ती क्षेत्रों और आपसी हित की परियोजनाओं पर चर्चा हुई। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि नेपाल की वित्त विभाग और वन विभाग समेत कई समितियां के प्रतिनिधि बैठक में शामिल रहे।
सीएम धामी ने कहा कि नेपाल के अधिकारियों को लगता है कि नया भारत बन रहा है। पीएम मोदी के नेतृत्व में एक ऐसा भारत बन रहा है, जिसका मान विश्व में बढ़ रहा है। धामी ने कहा कि नेपाल हमारा पड़ोसी देश है। नेपाल के साथ हमारे रोटी-बेटी और भाईचारे का रिश्ता है। ऐसे में नेपाल की इस पहल से दोनों देशों के साथ रिश्ते अच्छे होंगे। नेपाल से आए डेलीगेशन का कहना है कि दोनों देशों का रहन-सहन, संस्कृति और धार्मिक परंपरा मिलती जुलती है। ये दोनों देश सदियों के एक दूसरे के भाईचारे के प्रतीक बने हुए हैं। ऐसे में इस रिश्ते को और मजबूत बनाने और सीमा विवाद को सुलझाने के लिए दोनों देशों के रिश्ते सुधरने बहुत जरूरी हैं।