भारत में राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस पहली बार 1 जुलाई 1991 को डॉ. बिधान चंद्र रॉय के सम्मान में मनाया गया था। डॉ. बिधान चंद्र रॉय का स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़ा योगदान रहा जिसके लिए आज के दिन उन्हें श्रद्धांजलि दे कर याद किया जाता है। उन्होंने लोगों के लिए अपने जीवन समर्पित कर दिया था, कई लोगों का इलाज किया और लाखों लोगों को प्रेरित किया। इसके अलावा, वह महात्मा गांधी के निजी चिकित्सक भी थे। वर्ष 1976 में चिकित्सा, विज्ञान, सार्वजनिक मामलों, दर्शन, कला और साहित्य के क्षेत्रों में काम करने वाले व्यक्ति को पहचानने के लिए उनकी स्मृति में बीसी रॉय राष्ट्रीय पुरस्कार की स्थापना की गई थी। हर साल राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के लिए एक थीम रखी जाती है और इस थीम के जरिये सैकड़ों लोगो को एक अनोखा सन्देश पहुंचाया जाता है। इस बार राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस 2022 की थीम ‘फ्रंट लाइन पर पारिवारिक डॉकटर है’।
भारत में डॉक्टर को भगवान का दर्जा दिया जाता है। डॉक्टरों के इसी सेवा भाव, जीवन रक्षा के लिए किए जा रहे प्रयत्नों और उनके काम को सम्मान देने के लिए हर साल जुलाई को राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस मनाया जाता है। ये दिन डॉक्टरों को धन्यवाद देने का होता है। एक इंसान के जीवन की शुरुआत से लेकर उसकी सुरक्षा के लिए हर पड़ाव पर एक डॉक्टर उसके साथ होता है। बच्चा जब जन्म लेता है तो डॉक्टर ही हैं जो मां के गर्भ से शिशु को दुनिया में लाते हैं। उसके बाद शिशु को रोगों से बचाने और सेहतमंद रखने के लिए जरूरी सभी जानकारी और वैक्सीनेशन आदि भी डॉक्टर की जिम्मेदारी होती है।