यूसीसी को नहीं मानेंगे मुसलमान, उलमा-ए-हिंद ने यूसीसी के खिलाफ जारी किया बयान
उत्तराखंड में बीते दिन लागू हुये यूसीसी को लेकर देश के तमाम मुस्लिम संगठनों में खासी नाराजगी प्रकट की है।
जमीअत उलमा-ए-हिंद ने भी उत्तराखंड यूसीसी के खिलाफ बयान जारी कर कहा है कि समान नागरिक संहिता मुसलमानों को किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है।
जमीअत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने उत्तराखंड में लागू की गई समान नागरिक संहिता को संविधान में मौजूद धार्मिक स्वतंत्रता के खिलाफ बताया है और इसे लोकतंत्र की हत्या करने जैसा बताया है।
मौलाना महमूद मदनी का कहना है कि देश अनेकता में एकता का एक महान उदाहरण है। इसको नजरअंदाज कर जो भी कानून बनाया जाएगा, उसका सीधा असर देश की एकता और अखंडता पर पड़ेगा। ये अपने आप में यूसीसी के विरोध का सबसे बड़ा कारण है।
इतना ही नहीं इस्लामी शरिया का समर्थन करते हुए मौलाना मदनी ने कहा कि हम इस बात पर दृढ़ हैं कि मुसलमान इस्लामी शरिया पर पूरी तरह डटे रहेंगे और इस रास्ते में आने वाले किसी भी कानून की परवाह नहीं करेंगे।