पंचतत्व में विलीन हुये उत्तराखंड के शहीद, एक ही दिन हुआ पांचों वीरों के अंतिम संस्कार
उत्तराखंड में आज नदियों के घाटों ने करगिल वॉर के जख्म ताजा कर दिये। वही दर्द, वही तस्वीरें। जब एक ही दिन अलग-अलग जगह देवभूमि के पांच वीर सपूतों की चितायें सजाई गईं। उत्तराखंड की भूमि कभी वीर विहीन नहीं रही, बदलते मौसम की कोई ऋत ऐसी नहीं जब तिरंगे में लिपटे देवभूमि की बेटे घर न लौटते हों, मगर एक साथ पांच शहादतों से पहाड़ का सीना फट गया। उत्तराखंड के लोगों ने ऐसी पीड़ादायक तस्वीरें केवल युद्धकाल में देखीं थीं।
कठुआ आंतकी हमले में शहीद हुये पांचों जांबाजों का आज सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया।
एक ओर रूद्रप्रयाग के कांडा भरदार निवासी शहीद आनंद सिंह रावत का पैतृक गांव में अंतिम संस्कार हुआ, तो दूसरी ओर आज ही लैंसडाउन में शहीद कमल सिंह और अनुज नेगी को अंतिम विदाई दी गई।
देवप्रयाग में शहीद आर्दश नेगी का सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार हुआ। और शहीद विनोद भंडारी का भी आज ही ऋषिकेश में अंतिम संस्कार किया गया।
इस दौरान शहीदों की अंतिम यात्रा में जन सैलाब उमड़ पड़ा। राजनीतिक गैर राजनीतिक, तमाम प्रशासनिक अधिकारी शहीदों को नमन करने पहुंचे।