पंचतत्व में विलीन हुये शहीद इंस्पेक्टर सुनील कुमार, लोगों ने नम आंखों से दी अंतिम विदाई
शामली एनकाउंटर में शहीद हुये यूपी एसटीएफ के इंस्पेक्टर सुनील कुमार आज पंचतत्व में विलीन हो गये। उनके अंतिम संस्कार में लोगों को हुजूम उमड़ आया। लोगों ने नम आंखों के साथ उन्हें अतिम विदाई दी। इस दौरान मेरठ से सांसद अरूण गोविल भी शहीद सुनील कुमार के अंतिम संस्कार में शामिल होने पहुंचे।
बीते सोमवार को शामली में पुलिस और बदमाशों की मुठभेड़ हुई थी। इस एनकाउंटर में एसटीएफ के इंस्पेक्टर सुनील कुमार को गई गोलियां लगीं और वो गंभीर रूप से घायल हो गये। उन्हें गुरूग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां बीते दिन उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके पेट में तीन गोलियां लगी थीं।
सुनील कुमार 1990 में यूपी पुलिस में सिपाही के पद पर भर्ती हुये थे। इसके बाद उन्होंने 1997 में कमांडो कोर्स किया। 2009 में उन्हें यूपी एसटीएफ में शामिल किया गया। इसके बाद से लेकर अब तक उन्होंने कई बदमाशों को एनकाउंटर में मार गिराया था। एसटीएफ में शामिल होने से पहले 2008 में फतेहपुर में एनकांउटर में उन्होंने बदमाश ओमप्रकाश उर्फ उमर केवट को मार गिराया था। 2008 में ही पांच लाख के इनामी अंबिका पटेल उर्फ ठोकिया के एनकाउंटर में भी सुनीन कुमार शामिल थे। 2013 में डॉन सुशील मूंछ, बदन सिंह बद्दो, भूपेन्द्र बाफर की गिरफ्तारी में भी वो शामिल रहे। यानी अपने पूरे सेवाकाल में जाबांज सुनील कुमार बदमाशों से ही लोहा लेते रहे।
इस बार हुई मुठभेड़ में नियती को कुछ और मंजूर था। एनकाउंटर के दौरान बदमाशों ने उन पर कारबाइन, विदेश पिस्टर और देसी राइफल से ताबड़तोड़ फायर झौंके, तीन गोलियां उनके पेट में लगी। बावजूद इसके सुनील कुमार ने एके 47 से बदमाशों पर हमला किया और उन्हें मार गिराया। इस मुठभेड़ में चारों बदमाश मारे गये।
शहीद सुनील कुमार के अदम्य साहस को आज ने केवल पुलिस महकमा बल्कि देश के लोग सलाम कर रहे हैं। क्योंकि सरहद में शहीद होने वाले भारत के सैनिकों की वीरगाथा तो हर कोई जानता है मगर ऐसे मौके कम आते हैं जब एक पुलिस जवान देश के भीतर बदमाशों से लोहा लेते हुये, ऐसे अदम्य साहस के साथ वीरगति को प्राप्त होता है।