Thursday, June 12, 2025
राष्ट्रीय

त्रिभुवन सहकारिता विश्वविद्यालय बिल को लोकसभा की मंजूरी, गुजरात में खुलेगा देश का पहला सहकारी विश्वविद्यालय

सहकारी समितियों के लिए योग्य जनशक्ति तैयार करने के उद्देश्य से गुजरात के आणंद में ’त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय’ स्थापित करने के विधेयक को लोकसभा से मंजूरी मिल गई है।
ये देश का पहला सहकारी विश्वविद्यालय होगा जिसे गुजरात में स्थापित किया जाना है।
सहकारिता मंत्री अमित शाह ने “त्रिभुवन“ सहकारी विश्वविद्यालय विधेयक, 2025 पर बहस के दौरान कहा कि विश्वविद्यालय का नाम त्रिभुवनदास किशीभाई पटेल के नाम पर रखा गया है, जो भारत में सहकारी आंदोलन के अग्रदूतों में से एक थे और उन्होंने अमूल की नींव रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
विधेयक में कहा गया है कि वर्तमान में सहकारी क्षेत्र में शिक्षा और प्रशिक्षण का पर्याप्त ढांचा नहीं है। इसके कारण सहकारी समितियों में योग्य कर्मचारियों की कमी है।
इस समस्या को दूर करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक विश्वविद्यालय की जरूरत है, जहां सहकारी समितियों में प्रबंधन, प्रशासन, तकनीकी और परिचालन से जुड़े पेशेवरों को प्रशिक्षित किया जा सके। इससे सहकारी क्षेत्र को स्थायी, कुशल और गुणवत्तापूर्ण जनशक्ति मिलेगी।
ये विश्वविद्यालय सहकारी समितियों में शिक्षा, प्रशिक्षण और शोध को बढ़ावा देगा। इसके तहत, प्रबंधकीय, प्रशासनिक, तकनीकी और अन्य महत्वपूर्ण कार्यों के लिए योग्य जनशक्ति तैयार की जाएगी।

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