Thursday, October 10, 2024
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राजधानी देहरादून में लीवर क्लिनिक का शुभारंभ, अब मिलेंगी ये सुविधाएं.. पढ़िए पूरी खबर

मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, देहरादून ने आज लीवर क्लिनिक का शुभारंभ किया। इस लीवर क्लिनिक की वजह से लीवर की दवा में कई उप-विशेषज्ञों द्वारा एक ही जगह के बहु-विषयक मूल्यांकन/उपचार प्रदान किया जायेगा। इस क्लिनिक का अहम उद्देश्य लीवर की बीमारियों के रोगियों की देखभाल को सरल और सुव्यवस्थित करना है। यह क्लिनिक लीवर की बीमारियों के साथ लीवर सिरोसिस या लीवर ट्रांसप्लांट के अंतिम चरण के उपचार के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए लॉन्च किया गया है। इस क्लिनिक को शुरू करने का उद्देश्य लोगो में जागरूकता पैदा करना और एक ही जगह स्क्रीनिंग और उपचार की सुविधा प्रदान करना है। आज देहरादून में इस लीवर क्लिनिक का उद्घाटन डॉ रविकांत गुप्ता – निदेशक, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, डॉ मयंक नौटियाल- सलाहकार और विभागाध्यक्ष, लीवर प्रत्यारोपण और जीआई सर्जरी विभाग, डॉ मयंक गुप्ता- सलाहकार, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, करमजोत सिंह बेदी – सलाहकार, लीवर प्रत्यारोपण और जीआई सर्जरी विभाग और डॉ संदीप सिंह तंवर, वॉइस प्रेजिडेंट यूनिट हेड और यूनिट हेड , मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, देहरादून द्वारा किया गया।

जानिए लीवर क्लिनिक की खासियत –

  • इस क्लिनिक में रोगियों को सहायता और सलाह देने के लिए लीवर चिकित्सक और सर्जन उपलब्ध रहेंगे।
  • लीवर के रोगी जो पीलिया से पीड़ित, शराब से लीवर संबंधित समस्याएं, अंतिम चरण में लीवर सिरोसिस, फैटी लीवर, लीवर कैंसर, वायरल हेपेटाइटिस अपने मौजूदा स्वास्थ्य रिकॉर्ड के साथ विशेषज्ञों तक पहुंच सकते हैं और उपचार प्रोटोकॉल की राय ले सकते हैं।
  • यह क्लिनिक लीवर स्वास्थ्य से संबंधित विशेषज्ञ की सलाह लेने के इच्छुक रोगियों के लिए प्रत्येक मंगलवार और गुरुवार को शाम 3 बजे से 4 बजे तक खुला रहेगा।

वहीँ, डॉ रविकांत गुप्ता (निदेशक) गैस्ट्रोएंटरोलॉजी ने कहा की “लीवर की बीमारी भारत में मृत्यु का 10 वां कारण है और हाल ही में, गैर-मादक वसायुक्त लीवर बीमारियां बढ़ रही है। इसका मुख्य कारण उत्तराखंड में लोगों की जीवनशैली भी है।” उन्होंने आगे बताया ” यहां के लोग ऐसे भोजन का सेवन करते हैं जिसमें अधिक मात्रा में तेल होता है जिससे मोटापा बढ़ता है जो अंततः फैटी लीवर की बीमारी का कारण बनता है। कुछ मामलों में, इससे लीवर सिरोसिस और मृत्यु हो जाती है। लीवर की बीमारियों को रोकने के लिए जिन प्रमुख कारकों पर विचार किया जाना है उनमें से एक, जागरूकता पैदा करना है। 90 प्रतिशत से अधिक रोगियों को पता नहीं होता है कि उनका लीवर संक्रमित है और वे देर से इलाज शुरू करते हैं।”

साथ ही, डॉ मयंक नौटियाल- सलाहकार और विभागाध्यक्ष, लीवर प्रत्यारोपण और जीआई सर्जरी ने बताया “लीवर एक शरीर का खामोश और शिकायत न करने वाला पावरहाउस अंग है। यह प्रोटीन, कोलेस्ट्रॉल और पित्त के उत्पादन से लेकर विटामिन, खनिज और यहां तक कि कार्बोहाइड्रेट के भंडारण तक कई आवश्यक कार्य करता है। यह अल्कोहल, दवाओं और चयापचय के प्राकृतिक उपोत्पाद जैसे विषाक्त पदार्थों को भी तोड़ता है। स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए अपने लीवर को अच्छे आकार में रखना महत्वपूर्ण है। लीवर के स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता की कमी और व्यापक जांच सुविधा की कमी देश में लीवर की बीमारियों के मामलों की बढ़ती संख्या दर्ज करने का एक मुख्य कारण है।” उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि “एक स्वस्थ जीवन शैली का जीने के लिए शारीरिक रूप से स्वस्थ रहना, शराब का कम से कम सेवन करना, सुरक्षित चिकित्सा पद्धतियों का उपयोग करके लीवर की बीमारियों को रोका जा सकता है।”

‘लीवर क्लिनिक’ की मुख्य विशेषताएं:
• एंडोस्कोपी
• लीवर प्रोफाइल
• फाइब्रो स्कैन
• लीवर बायोप्सी
• लीवर की सर्जरी

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