ऑनलाइन होगी कश्मीरी नीलम की निलामी, पद्दर की पहाड़ियों में मौजूद है नीलम ही नीलम
जम्मू-कश्मीर प्रशासन पहली बार कश्मीरी नीलम का ग्लोबल मार्केट में नीलामी करने जा रहा है। ये बेशकीमती नीलम किश्तवाड़ की पद्दर पहाड़ियों में मिलता है। ऑक्शन में वे नीलम रखे जाएंगे, जिसे बीते कुछ सालों में पद्दर रेंज से निकाला गया है। सरकार को इस ऑक्शन से अच्छी कीमत मिलने की उम्मीद है। इसका आयोजन मेटल एंड मिनरल्स ट्रेडिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया करेगी। फिलहाल स्टॉक में मौजूद नीलम का मूल्यांकन किया जा रहा है। इसके बाद ही ग्लोबल ई-ऑक्शन प्रक्रिया शुरू होगी। इसमें कई देशों के खरीदारों के जुटने की उम्मीद है। इतना ही नहीं, जम्मू-कश्मीर प्रशासन पूरे क्षेत्र में नीलम के नए भंडार खोजने के लिए सर्वे कर रही है। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने बीते साल किश्तवाड़ जिले में नीलम के भंडार का पता लगाने के लिए सर्वे किया था। अनुमान है कि 116 किमी के दायरे में 2,700 करोड़ रुपए का नीलम भंडार मौजूद है।
इसलियए खास है कश्मीर का नीलम
यहां निकलने वाले नीलम का रंग मोर की गर्दन की तरह नीला है। एकदम पारदर्शी और मखमली। जबकि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और श्रीलंका का नीलम हल्के नीले रंग का होता है। गत वर्ष की खुदाई में कॉपरेरेशन को 67 ग्राम (लगभग 335 कैरेट) का नीलम मिला था। नीलामी में एक व्यापारी ने 70 लाख रुपए की बोली लगाई। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसका मूल्यांकन लगभग 10 करोड़ रुपए हुआ। उधर, इसी हफ्ते लंदन में हुई एक नीलामी में कश्मीर के एक और नीलम को 20 करोड़ रुपए में खरीदा गया। कश्मीर के नीलम की यह अब तक की सबसे ऊंची कीमत है।
कश्मीरी नीलम दुनिया में सबसे अलग और खास
1881 में पद्दर क्षेत्र में पहाड़ी खिसकने के बाद संयोग से इसकी खोज हुई थी। ये गहरे नीले रंग का होता है। जेकेएमएल के एक अधिकारी ने बताया कि इस नीलम का रंग हर रोशनी में टिका रहता है। जबकि अन्य नीलम कुछ निश्चित प्रकाश में ही चमकते हैं। 2020 में जिनेवा स्थित क्रिस्टीज ऑक्शन हाउस ने 35 कैरेट का कश्मीरी नीलम 57 करोड़ रुपए में बेचा था।