कानपुर देहात के मडौली गाँव में मां-बेटी की आग में जिंदा जलकर मौत हो गई। घटना उस समय की है, जब गाँव में अतिक्रमण हटाने के लिए प्रशासन की कार्रवाई चल रही थी। वहीं, बेटे का आरोप है कि बिना किसी नोटिस के घर पर प्रशासन द्वारा बुल्डोजर चलाया गया, इसी दौरान झोपड़ी में आग लग गई औऱ मां-बेटी की आग में जलकर मौत हो गई।शिवा स्नातक की पढ़ाई कर चुकी थी औऱ उसकी शादी की बात चल रही थी। ग्रामीणों का कहना है कि दिवंगत प्रमिला औऱ उनकी बेटी शिवा मिलनसार थीं।
सोमवार को डीएम नेहा जैन से जनसुनवाई में कुछ लोगों ने ग्राम समाज की जमीन पर गाँव के ही कृष्ण गोपाल दीक्षित का कब्जा होने की शिकायत की थी। इस पर डीएम ने एसडीएम को कार्रवाई करने के निर्देश दिए। दोपहर तीन बजे एसडीएम मैथा ज्ञानेश्वर प्रसाद, लेखपाल औऱ इंसपेक्टर के साथ मौके पर पहुँचे। राजस्व विभाग की टीम ने बुलडोजर से कब्जा हटाना शुरु किया। तभी वहां बनी कृष्ण गोपाल की झोपड़ी में आग लग गई। घर में मौजूद कृष्ण गोपाल की पत्नी प्रमिला औऱ बेटी शिवा आग की लपटों के बीच फंस गई। उन्हें बचाने दौड़े कृष्ण गोपाल और इंस्पेक्टर दिनेश गौतम झुलस गए। इस बीच मां-बेटी के जिंदा जलने से गुस्साए परिवार औऱ गाँव के लोगों ने हंगामा शुरु कर दिया। इसके बाद गाँव के लोगों ने एसडीएम सहित 10 लोगों पर हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराने की मांग की। कृष्ण गोपाल दीक्षित के बेटे का कहना है कि डीएम की कार्रवाई में उन्हें स्वयं ही अवैध निर्माण हटाने के लिए 10-12 दिन का समय दिया गया था लेकिन प्रशासन ने बिना किसी पूर्व सूचना के घर पर बुलडोजर चला दिया। इसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार पर सवाल उठ गए हैं। घटना के जरिए विपक्ष को एक बार फिर से बीजेपी पर वार करने का मौका मिल गया है।