राहुल गांधी के बयान को गलत संदर्भ में दिखाने पर बुरे फंसे पत्रकार रोहित रंजन, घर पहुंची छत्तीसगढ़ पुलिस
राहुल गांधी के एक बयान को गलत संदर्भ में प्रसारित करने के आरोप में पत्रकार रोहित रंजन के घर छत्तीसगढ़ पुलिस ने दस्तक दे दी है। आज सुबह छत्तीसगढ़ पुलिस रोहित रंजन के घर पहुंच गई। पत्रकार ने खुद ही ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी और यूपी पुलिस के अधिकारियों को टैग कर पूछा कि “क्या यह नियमानुसार सही है।” इस पर यूपी पुलिस की ओर से जवाब दिया गया कि गाजियाबाद के इंदिरापुरम थाने की पुलिस मौके पर है और नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। सीएम योगी आदित्यनाथ, एडीजी लखनऊ जोन और गाजियाबाद के एसएसपी को टैग करते हुए रोहित रंजन ने ट्वीट किया था। उन्होंने लिखा, “बिना लोकल पुलिस को जानकारी दिए छत्तीसगढ़ पुलिस मेरे घर के बाहर मुझे अरेस्ट करने के लिए खड़ी है, क्या ये क़ानूनन सही है।”
इस पर गाजियाबाद पुलिस ने रिप्लाई करते हुए लिखा, “प्रकरण स्थानीय पुलिस के संज्ञान में है। थाना इंदिरापुरम पुलिस मौके पर है। नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।” यही नहीं रायपुर पुलिस ने भी रोहित रंजन की ओर से बिना जानकारी के पहुंचने के आरोपों पर जवाब दिया और कहा कि “ऐसा कोई नियम ही नहीं है। रायपुर पुलिस ने लिखा, कोई नियम नहीं है कि आरोपी को जानकारी दी जाए। अब आपको जानकारी मिल गई है। पुलिस टीम ने आपको कोर्ट का वॉरंट दिखाया है। अब आपको इस मामले में सहयोग करना चाहिए, जांच में शामिल होना चाहिए और अपनी बात को अदालत में रखना चाहिए।”
आपको बता दें कि 1 जुलाई को जी न्यूज चैनल पर प्रसारित होने वाले कार्यक्रम डीएनए में एंकर रोहित रंजन ने राहुल गांधी के केरल में दिए गए एक बयान को उदयपुर की घटना से जोड़ दिया था। दरअसल राहुल गांधी ने वायनाड में अपने संसदीय कार्यालय में तोड़फोड़ करने वाले कुछ लोगों को माफ करने की बात कही थी और कहा था कि वे बच्चे हैं। लेकिन टीवी के कार्यक्रम में उनके इस बयान को उदयपुर में कन्हैयालाल के हत्यारों से जोड़ दिया गया था। इस पर कांग्रेस ने सख्त ऐतराज जताया था, जिसके बाद चैनल की ओर से कार्यक्रम के वीडियो का हिस्सा ट्विटर से डिलीट किया गया था। यही नहीं लाइव शो और ट्विटर समेत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर माफी भी मांगी गई थी। मगर इतने भर से पत्रकार रोहित रंजन की मुश्किलें कम नहीं होने वाली अब उन्हें छत्तीसगढ़ पुलिस की जांच का सामना करना ही पड़ेगा।