चीन सीमा से सटे चमोली जिले के जोशीमठ में भू-धंसाव लगातार जारी है। इस भू धंसाव से जोशीमठ नगर में 500 परिवार खतरे की जद में आ गए हैं। नगर पालिका जोशीमठ की ओर से किए गए ताजा सर्वेक्षण में पता चला है कि नगर के सभी वार्डों में मकानों पर दरारें लगातार बढ़ रही हैं। अधिक खतरे की जद में आए पांच परिवार मकानों को छोड़कर रिश्तेदारों के घरों में रह रहे हैं। आपको बता दें कि जोशीमठ नगर में पिछले साल सितंबर-अक्तूबर में अचानक गांधीनगर, सुनील और रविग्राम वार्ड के कुछ घरों में दरारें आनी शुरू हुई। शुरुआत में 30-40 मकानों में दरारें आई। स्थानीय लोग तभी से प्रशासन से सुरक्षा की मांग कर रहे हैं। जिसके लिये वो कई बार सड़कों पर भी उतर चुके हैं। जोशीमठ के घरों में आ रही दरारों के पीछे का सबसे बड़ा कारण यही है कि नीचे नदी के किनारे लगातार कटाव हो रहा है। यहां बन रही टनल को भी इसके लिये जिम्मेदार माना जा रहा है। यानी ये पूरी जमीन धीरे-धीरे घाटी की ओर खिसक रही है। जिसके चलते घरों में दरारें बढ़ रही हैं। इतना ही नहीं भू-धसाव के चलते अब यहां मौजूद रोपवे को भी खतरा बढ़ गया है। जिस जगह पर रोपवे के टावर हैं वहां भी दरारें आ रही हैं। इस खतरे के बाद शासन ने विज्ञानियों की रिपोर्ट के आधार पर जोशीमठ के ड्रेनेज सिस्टम पर ध्यान केंद्रित किया है। सिंचाई विभाग को इसका प्लान और डीपीआर शीघ्र बनाने के साथ ही नदी से हो रहे भू-कटाव के मद्देनजर सुरक्षा दीवार की डीपीआर तैयार करने को कहा गया है।