आईसीसी की नाक के नीचे हो रही मैच फिकि्ंसग! अबू धाबी टी10 लीग में खिलाड़ियों ने शर्मनाक क्रिकेट के तोड़े सारे रिकार्ड
क्रिकेट में पिछले कई सालों में गेंदबाजों की पिटाई के नए-नए रिकॉर्ड बने हैं। कई बार एक ओवर में 30 रन, 36 रन और यहां तक कि 42 रन भी बन चुके हैं। लेकिन ये सब अलग-अलग वक्त पर, अलग-अलग जगहों पर और अलग-अलग टूर्नामेंट में देखने को मिला है। लेकिन जब एक ही टूर्नामेंट में बार बार नोबॉल, व्हाइट, और आउट होने के बेतुके तरीके दिखाई देने लगे तो सवाल उठने लाजमी हैं।
जी हां, ये सब कुछ हो रहा है अबू धाबी टी10 लीग में, जहां अब ये आम नजारा हो चुका है कि कोई बॉलर दो फुट लंबी नोबॉल फेंक रहा है वो भी एक नहीं दो नहीं एक ओवर में चार-चार, कोई पिच से बाहर व्हाइट फेंक रहा है और कोई बेतुके अंदाज में अपनी विकेट फैंक चलता बन रहा है। जिसके चलते अब अबू धामी टी10 पर मैच फिक्सिंग के गंभीर आरोप लगने लगे हैं।
ताजा मामला 25 नवंबर का है, जब दिल्ली बुल्स और बांग्ला टाइगर्स की टीमें टकरा रही थीं. इस मैच में श्रीलंगा के नामी गेंदबाज दासुन शानका ने कुछ ऐसा किया जो कोई भी क्रिकेट फैंस को सपने में भी नहीं सोच सकता। शानाका ने एक ओवर में 33 रन खर्चे लेकिन इसमें से 30 रन तो सिर्फ 3 गेंदों में ही आ गए. जी हां, उनकी 3 लीगल गेंदों में 30 रन आए और ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि शानका ने घटिया गेंदबाजी की सारी हदें पार करते हुए ओवर में 3 गेंदों के साथ ही 4 नो-बॉल भी डालीं।
इससे पहले भी न्यूयॉर्क स्ट्राइकर्स और मोरिस विले सैम्प आर्मी के बीच खेले गए मैच में बिलाल ने भी कुछ ऐसा ही काम किया था। दूसरी पारी के चौथे ओवर में बिलाल ने एक नौ बॉल फेंकी। ये कोई आम नौ बॉल नहीं थी। दरअसल, ये गेंद फेंकते हुए बिलाल का पैर क्रीज से लगभग आधा मीटर आगे निकल गया। आमतौर पर गेंदबाज का पैर इतना बाहर नहीं जाता। इसी कारण सवाल उठ रहे हैं कि कहीं बिलाल ने फिक्सिंग तो नहीं की।
इसके आलवा भी कई बल्लेबाजों का केजुअली आउट होना, कैच ड्रॉप यानी अबू धामी टी10 में स्पॉट फिक्सिंग के पूरे लक्षण दिखाई दिये हैं। यही कारण है कि अब सोशल मीडिया में लोग खुलकर इस लीग में फिक्सिंग होने की बात भी कह रहे हैं।