हांगकांग कोरोना महामारी के सबसे बुरे दौर में, जीरो कोविड स्ट्रैटेजी भी नहीं आ रही काम
चीन में एक बार फिर से कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। पिछले 48 घंटों से लगातार मामलों में बढ़ोत्तरी देखी गयी है। चीन के अलावा हांगकांग में भी हालत बेहद गंभीर है। हांगकांग महामारी के सबसे बुरे दौर का सामना कर रहा है। हांगकांग में ओमीक्रॉन और कोरोना वायरस के मरीजों से भर गए हैं। कई मरीजों को अस्पतालों में जगह नहीं मिल रही है। कई मरीज ऐसे भी है जो हॉस्पिटल के बहार प्लास्टिक के टेंट में पड़े हुए हैं। हालात इतने ख़राब हो गए है कि सड़कों पर ही व्यवस्था कर लोगों का इलाज किया जा रहा है। कोकिड-19 के जांच केंद्रों में भी काफी भीड़ है। लोगों को अपनी जांच कराने के लिए घंटों लाइन में खड़े होकर इंतजार करना पड़ रहा है। सड़कों पर मरीजों के चीखने की आवाजें गूंज रही है। वहां प्राइवेट हॉस्पिटल में कोरोना के मरीजों को दाखिल करने से इंकार कर दिया हैं। हांगकांग भी चीन की तरह ही जीरो-कोविड रणनीति का पालन कर रहा था।
बता दें कि हांगकांग में ओमीक्रॉन के दो महीनों से भी कम समय में 20,200 मरीज रिकॉर्ड किये गए हैं। साथ ही यहां सबसे कम टीकाकरण दर दर्ज किया गया है, और यह महामारी सबसे ज्यादा वरिष्ठ लोगों को प्रभावित कर रही है। इससे पहले हांगकांग की एक पॉलिसी थी की हर एक बीमार को हॉस्पिटल में भर्ती किया जाए लेकिन अब हालात इतने खराब हो गए हैं कि मरीजों का सड़कों पर इलाज करना पड़ रहा है। एक्सपर्ट होम क्वारंटीन की सलाह दे रहा हैं। हांगकांग में भी संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सख्त प्रतिबंध लगाए गए थे। यहां वायरस नियत्रंण में भी रहा था लेकिन अब बड़ी संख्या में मामले मिल रहे हैं।