सोमवार को जारी सर्कुलर में संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) ने कहा कि छात्रों के यातायात नियमों के उल्लंघन के मामले में नए मोटर व्हीकल एक्ट और आईपीसी की धाराओं के अंतर्गत अभिभावकों को दोषी माना जाएगा या फिर वाहन स्वामी को जिम्मेदार ठहराया जाएगा। अक्सर देखा जाता है कि कम उम्र के बच्चे जो कि 18 साल से कम उम्र के हैं। इसके बावजूद भी बच्चे सड़कों पर गाड़ी चलाने के लिए उतर आतें हैं। ज्यादातर बच्चे तो बिना हेलमेट और कागजात के दुपहिया वाहन में सवार होकर सड़कों में दौड़ते रहते हैं। ऐसे में अब 25 हजार रुपये तक का जुर्माना और साथ में तीन साल की सजा का भी प्रविधान है। वहीं, जुवेनाइल (केयर एंड प्रोटेक्शन आफ चिल्ड्रेन) एक्ट के तहत अगर नाबालिग बच्चे से कोई दुर्घटना हो जाती है तो बीमा का क्लेम भी नहीं दिया जाएगा। साथ ही वाहन का रजिस्ट्रेशन 12 माह के लिए निरस्त कर दिया जाएगा। इसके साथ ही परिवहन अधिकारी ने अभिभावकों को सलाह दी है कि नाबालिग बच्चों को दोपहिया वाहन चलाने की अनुमति न दें। साथ ही उन पर कड़ी नजर भी रखें।