यूपी के इस गांव में फसल की तहर उगते हैं आईएएस-पीसीएस
यूपीएससी को न केवल भारत बल्कि दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है। लेकिन यूपीएससी की ये कठिन परीक्षा यूपी के एक गांव में आकर दम तोड़ देती है क्योंकि यहां यूपीएससी निकालना मवेशी चराने से भी आसान हो गया है। इस गांव में आईएएस आईपीएस ऐसे निकलते हैं जैसे खेतों में सरसों लहलहाती है।
जी हां इस गांव का नाम है माधोपट्टी, जो उत्तर प्रदेश के जौनपुर में स्थित है। ये गांव जौनपुर शहर से करीब 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। खास बात ये है कि इस गांव से अब तक 40 से भी अधिक आईएएस-आईपीएस और पीसीएस अधिकारी निकल चुके हैं। जिनमें से कई तो अभी बड़े-बड़े पदों पर तैनात हैं।
गांव की आबादी लगभग 4 हजार है, और यहां करीब 75 घर मौजूद हैं। दिलचस्प बात ये है कि न सिर्फ इस गांव के बेटे अधिकारी बनते हैं बल्कि बेटियां और बहुएं भी अफसर बनती हैं। कहते हैं कि यहां के छात्र कॉलेज में जाते ही यूपीएससी की तैयारी में जुट जाते हैं और आगे चलकर न सिर्फ अपना बल्कि अपने परिवार और गांव का नाम भी रोशन करते हैं।
देश की आजादी के तुरंत बाद ही इस गांव के लड़कों में यूपीएससी के प्रति क्रेज बढ़ गया था। साल 1952 में इंदु प्रकाश सिंह इस गांव से पहले आईएफएस अधिकारी बने थे। वहीं 1955 में विनय कुमार सिंह आईएएस बने थे, जो बाद में बिहार राज्य के मुख्य सचिव भी रहे। इस गांव के 4 ऐसे भाई-बहन भी हैं, जो यूपीएससी परीक्षा में सफल हुए हैं और कोई आईएएस बना है तो कोई आईपीएस। इस गांव से निकले कई आईएएस अधिकारी पीएम और अलग-अलग राज्यों के सीएम कार्यालयों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इतना ही नहीं, इस गांव के कई युवा तो इसरो, भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र और वर्ल्ड बैंक में भी काम कर रहे हैं।
माधोपट्टी के खेतों में फसल नहीं आईएएस, आईपीएस उगते हैं। इसलिये कहा जाता है कि यूपीएससी की तैयारी करने वाले को एक बार जाकर माधोपट्टी का पानी जरूर पीना चाहिए।