महिलाओं को सेक्स ऑब्जेक्ट बना देता है हिजाब, मशहूर लेखिका तसलीमा नसरीन का हिजाब विवाद पर बयान
कर्नाटक से उठा हिजाब विवाद पूरी दुनिया में चर्चा का केन्द्र बन चुका है। तमाम विदेशी हस्तियों ने भी इस मुद्दे पर अपनी राय रखी है। इसी क्रम में अब मशहूर लेखिका तसलीमा नसरीन ने भी हिजाब विवाद पर अपनी राय व्यक्त की है। तसलीमा का कहना है कि हिजाब एक ऐसा परिधान है जो महिलाओं को सेक्स ऑब्जेक्ट बना देता है। अंग्रेजी वेबसाइट फर्स्टपोस्ट.कॉम को दिए एक इंटरव्यू में तसलीमा नसरीन ने कहा, मेरा मानना है कि एक धर्मनिरपेक्ष देश में एक शैक्षणिक संस्थान को अपने छात्रों के लिए सेक्यूलर ड्रेस कोड अनिवार्य करने का अधिकार है।
उन्होंने कहा कि स्कूल और कॉलेज छात्रों को अपनी धार्मिक पहचान घर पर रखने के लिए कहते हैं तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है। स्कूलों में धार्मिक कट्टरता, कट्टरवाद और अंधविश्वास के लिए जगह नहीं हो सकती। स्कूलों में व्यक्तिगत स्वतंत्रता, लैंगिक समानता, उदारवाद, मानवतावाद और वैज्ञानिक सिद्धांतों को पढ़ाया जाना चाहिए। तसलीमा ने हिजाब विवाद पर साफ कहा कि हिजाब, नकाब और बुर्का का एक ही उद्देश्य है महिलाओं को सेक्स ऑब्जेक्ट के रूप में बदलना। उन्होंने कहा कि तथ्य यह है कि महिलाओं को पुरुषों से छिपाने की जरूरत है जो उन्हें देखकर लार टपकाते हैं। तसलीमा ने कहा कि यह बहुत ही अपमानजनक है। इस प्रथा को जल्द से जल्द बंद कर देना चाहिए। हिजाब के इस्लाम से जुड़े होने के सवाल पर तसलीमा ने कहा कि मुद्दा यह नहीं है कि हिजाब इस्लाम से जुड़ा है या नहीं। उन्होंने कहा, मुद्दा यह है कि हम 21वीं सदी में रह रहे हैं और सातवीं सदी में बने कानून अभी लागू नहीं हो सकते हैं और होने भी नहीं चाहिए। तसलीमा ने कहा कि हमें यह भी समझने की जरूरत है कि बुर्का और हिजाब कभी भी एक महिला की पसंद नहीं हो सकते। उन्हें तभी पहना जाता है जब विकल्प छीन लिए जाते हैं। यह अक्सर परिवार के सदस्य होते हैं जो अपनी महिलाओं को बुर्का / हिजाब पहनने के लिए मजबूर करते हैं। हमें यह समझने की जरूरत है कि बुर्का/हिजाब कभी भी किसी व्यक्ति की पहचान का अभिन्न अंग नहीं हो सकता।