चारधाम यात्रा में मनमर्जी से टेक ऑफ नहीं कर पाएंगी हेली कंपनियां, डीजीसीए ने हेली कंपनियों की 35 फीसदी उड़ानें की कम
40 दिन के भीतर 4 हेलीकॉप्टर हादसों के बाद डीजीसीए की आंखें खुली हैं। बढ़ते हादसों को देखते हुये डीजीसीए ने चारधाम यात्रा में संचालित सभी कंपनियों की रोजाना होने वाली कुल उड़ानों पर 35 फीसदी की कटौती कर कर दी है।
9 एविएशन कंपनियों में से एक केस्ट्रल एविएशन की सेवाओं पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है। बडासू के पास सड़क पर हुई क्रैष लैंडिंग में हेलीकॉप्टर केस्ट्रल एविएषन का ही था।
डीजीसीए ने हादसों के बाद कंपनियों का ऑडिट किया था, जिसमें पता चला कि एविएशन कंपनियां विभिन्न हेलिपैड से चारधाम यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को इस तरह से कैरी कर रहीं थीं, जैसे हेलिपैड ना होकर, रेलवे या बस स्टेषन के बाहर ऑटो स्टैंड हो।
जिंदगियों को दांव पर लगाकर यहां हेलिकॉप्टर सेवाएं दी जा रहीं थीं। अब ऐसा नहीं चल सकता।
साथ ही ये भी निर्देष दिये गये हैं कि अगर हेलिकॉप्टर केदारनाथ के लिए टेक ऑफ कर रहे हैं तो हाइट, मौसम और अन्य तमाम सुरक्षा मापदंडों के हिसाब से उसमें उतने ही लोगों को बैठाया जाएगा, जितने वजन पर उस ऊंचाई पर जाने पर हेलिकॉप्टर सुरक्षित लैंड कर सके।