आचमन लायक भी नहीं बचा गंगा का पानी, पीसीबी की रिपोर्ट से हड़कंप
जी हां अगर आप हरिद्वार में हर की पैड़ी पर गंगा स्थान के लिये पहुंच रहे हैं तो केवल स्नान ही करिएगा, कहीं गलती से गंगा के पानी से आचमन न कर लेना। अगर ऐसा किया तो आप बीमार हो सकते हैं। क्योंकि हर की पैड़ी पर गंगा का पानी पीने लायक को बिलकुल नहीं है।
ये खुलासा हुआ है उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ताजा रिपोर्ट में, जिसमें पीसीबी ने बताया है कि हरिद्वार में गंगा का जल नहाने के लिए तो उपयुक्त है, लेकिन पीने योग्य बिलकुल नहीं है। गंगा जल की गुणवत्ता की जांच में पीसीबी को पता चला है कि हरिद्वार में गंगा के पानी की गुणवत्ता बी श्रेणी में आई है। इस श्रेणी में पानी पीने योग्य नहीं माना जाता है।
हां लेकिन बी श्रेणी के पानी से आप स्नान कर सकते हैं, लेकिन गंगा में लोग केवल स्नान के लिये नहीं आते बल्कि धार्मिक परंपरा के तहत आचमन करना भी सर्वोपरि माना जाता है। और आचमन में जल मुंह में डालना ही पड़ता है।
हालांकि गंगा की गुणवत्ता को लेकर आई ये रिपोर्ट पहली बार नहीं है कि गंगा का पानी बी श्रेणी में आया हो, पहले भी गंगा का पानी बी श्रेणी में ही मिला है।
ये बात अलग है कि सरकारें समय समय पर दावा करती रहीं हैं कि हरिद्वार तक गंगा का जल शुद्ध है, उत्तराखंड के पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने तो मीडिया में ये दावा भी एक बार किया था कि उनके कार्यकाल के दौरान ही 2022 तक गंगा का पानी हरिद्वार में पीने योग्य हो जाएगा।