नई कार खरीदने से लेकर बेचने तक जीएसटी ही जीएसटी, पुरानी कार बेचने पर 18 फीसदी का लगेगा जीएसटी
जीएसटी काउंसिल की 55वीं बैठक हुई और हर बार की तरह आम आदमी पर टैक्स की मार और बढ़ा दी गई है। वैसे तो जीएसटी की दरें कई वस्तुओं पर बढ़ाई गई है मगर सबसे ज्यादा चर्चा यूज्ड कारों को लेकर हो रही है।
अब पुरानी कार बेचने पर 18 फीसदी का जीएसटी देना होगा। यानी नई कार की कीमत और उसे यूज करने के बाद बेचते समय जो दाम मिल रहा है, उस में जितना अंतर है वो 18 फीसदी टैक्स के दायरे में आएगा।
चलिये आपको बताते हैं कि जीएसटी का नया मकड़जाल सरकार ने आखिर बुना कैसे है-
मान लीजिए आपने 2015 में 6 लाख रुपये में नई गाड़ी खरीदी थी और अब 2025 में आप उस कार को 1 लाख रुपये में बेचने वाले हैं। यानी आप 5 लाख रुपये के नुकसान पर कार को बेचेंगे। इस 5 लाख रुपये पर आपको 18 फीसदी टैक्स देना होगा।
5 लाख रुपये का 18 फीसदी = 90 हजार रुपये।
यानी 1 लाख रुपये में से 90 हजार रुपये टैक्स में जाएंगे।
और आपको मिलेंगे सिर्फ 10 हजार रुपये।
अब सोशल मीडिया में सरकार के इस जीएसटी फॉर्मूले की जमकर आलोचना हो रही है।
हालांकि ये कहा जा रहा है कि जो लोग पुरानी कार बेचने के लिए रजिस्टर्ड नहीं है उन पर ये टैक्स नहीं लगेगा। सिर्फ रजिस्टर्ड वेंडर्स या प्लेटफॉर्म्स पर ये टैक्स लगेगा। मगर सवाल है कि आम लोग भी अपनी पुरानी गाड़ी बेचने वेंडर्स के पास जाते हैं, तो वेंडर्स लोगों की जेब से ही पैसा वसूलने वाले हैं, यानी आपकी पुरानी कारों के दाम और गिरने वाले हैं।