पूर्व डीजीपी बीएस सिद्धू पर एफआईआर, वन भूमि पर कब्जे और पेड़ काटने का 10 साल पुराना मामला
भ्रष्टाचार के मामले में उत्तराखण्ड के एक और पूर्व नौकरशाह पर मुकदमा कायम होने के बाद सूबे के सियासी और प्रशासनिक गलियारों में हलचल बढ़ गई है। उत्तराखंड के पूर्व पुलिस महानिदेशक सिद्धू बीएस सिद्धू के खिलाफ राजपुर थाने में मुकदमा दर्ज हुआ है। सिद्धू पर सरकारी जमीन कब्ज़ाने और पेड़ काटने का आरोप है। मामला दस साल पुराना है। जब सिद्धू ने 2012 में मसूरी वन प्रभाग में वीरगिरवाली गांव में 9 बीघे जमीन खरीदी। इस जमीन पर मार्च 2013 में साल के 25 पेड़ काट दिये गये। वन विभाग ने इसकी जांच कराई तो पता चला कि संबंधित पेड़ जिस जमीन पर हैं वो रिजर्व फॉरेस्ट है। सिद्धू ने अवैध तरीके से जमीन खरीदी। साल के पेड़ भी काट दिए। इस मामले में वन विभाग ने उनके खिलाफ जुर्माना किया था। बाद में जमीन की सिद्धू के नाम की गई रजिस्ट्री भी कैंसिल की गई। अब सालों बाद वन विभाग ने सिद्धू पर रिजर्व फारेस्ट में जमीन कब्जाने और पेड़ कटान के आरोप में आईपीसी की धाराओं में मुकदमा दर्ज करवाने की अनुमति शासन से मांगी थी। शासन से अनुमति मिलने के बाद मुकदमा दर्ज कर दिया गया है। वहीं इस प्रकरण को डे वन से सड़क से लेकर अदालत तक उठाने वाले राज्य आंदोलनकारी और भाजपा नेता रविन्द्र जुगरान ने सिद्धू के खिलाफ मुकदमा कायम होने पर खुशी प्रकट की है।