चैत्र नवरात्री के पांचवे दिन होती है स्कंदमाता की विशेष पूजा, जानिए आज का शुभ मुहूर्त
चैत्र नवरात्रि के पंचम दिवस दुर्गा माँ के पांचवें स्वरुप स्कंदमाता की पूजा विशेष रूप से की जाती है। स्कंद भगवान कार्तिकेय के बाल रूप को कहा जाता है। इसलिए स्कंदमाता को भगवान कार्तिकेय की माता के नाम से जाना जाता है। जो एक हाथ में माला दूसरे में कमल का फूल और दाएं हाथ में भगवान स्कन्द यानी कार्तिकेय को गोद लिए हुए और एक हाथ से आशीर्वाद देती हुई दिखाई देती हैं। कहा जाता है कि मां स्कंदमाता की कृपा से संतान सुख की प्राप्ति होती है। मां को विद्यावाहिनी दुर्गा देवी भी कहा गया है।
जानते हैं नवरात्रि के पांचवें दिन कैसे करें स्कंदमाता की पूजा अर्चना और क्या है शुभ मुहूर्त
पूजन का मुहूर्त
6 अप्रैल सुबह 4.34 बजे से अगली सुबह 7 अप्रैल की सुबह 6.05 तक रहेगा। ऐसे में सुबह जल्द स्नान करके माता की प्रतिमा के आगे घी का दीप जलाये साथ ही कुमकुम, फल, फूल, प्रसाद से माता को भोग लगाएं। इसके बाद माता की ध्यान लगाकर पूजा पाठ करें। कहा जाता है माता का ध्यान करने से घर से नकारात्मक शक्ति दूर हो जाती है। माता को सफेद रंग अधिक पसंद है इसलिए आज सफेद रंग के कपडे पहने। मान्यता यह है कि माता निरोगी रहने का आशीर्वाद देती है।
मां स्कंदमाता की कथा
शास्त्रों के अनुसार कार्तिकेय को कुमार का सेनापति कहा जाता है। माता को आपने पुत्र से अधिक प्रेम है इसलिए अपने पुत्र की अत्याचारी राक्षसों से रक्षा करने के लिए उन्होंने यह अवतार लिया और राक्षसों का संहार किया था।