Thursday, April 25, 2024
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100 साल बाद मध्यप्रदेश लौटे, बांधवगढ़ में हाथियों का कुनबा बढ़ा

टाईगर स्टेट मध्य प्रदेश अब एलीफैंट टूरिस्ट प्लेस भी बनने जा रहा है। जी हां मध्य प्रदेश में हाथी लौट आये हैं और ऐसा 100 साल बाद हुआ है। मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ के जंगलों में लम्बे समय से हाथी दिखाई दे रहे हैं। माना जा रहा है हाथियों ने मध्यप्रदेश को अपना घर बना लिया है। हाथियों ने लगभग 100 साल बाद घर वापसी की है। 1920 के बाद अब जाकर यानी 2022 में हाथियों को मध्यप्रदेश में देखा गया है। हालांकि 2007 में हाथीयों ने छत्तीसगढ़ से मध्यप्रदेश के जंगलों में घूमना शुरू कर दिया था मगर हाथी बरसात के मौसम में मध्यप्रदेश आते थे और कुछ समय बिताकर चले जाते थे। दरअसल पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में चल रही गतिविधियां मध्य प्रदेश में हाथियों की आवाजाही को बढ़ावा दे रही हैं। कोयला खनन और हाथी ये दो बड़े मुद्दे हमेशा से छत्तीसगढ़ की पहचान रहे हैं। साथ ही छत्तीसगढ़, उड़ीसा और झारखण्ड में जंगल के भीतर खनन से हाथी परेशान हो रहे हैं। यहीं कारण है की हाथी अपना प्रवास स्थान बदल रहे हैं। छत्तीसगढ़ सरकार के खनिज संसाधन विभाग के अनुसार, छत्तीसगढ़ में लगभग 56 लाख टन कोयले का भंडार है, जो भारत में कुल कोयला भंडार का 16 प्रतिशत है. खनन से छत्तीसगढ़ के जंगल तहस-नहस हो रहें है और अगर जानवरों के लिये जंगल ही सुरक्षित नहीं रहेंगे तो जानवर ऐसे जंगलों को छोड़ शहरों या दूसरे जंगलों की तरफ प्रवास करेंगे ही। मध्यप्रदेश में यही हुआ है। हाथी एक ऐसा जानवर है जो कई पीडियों तक जंगल में बसे उनके ठिकानो को याद रखता है इसलिए 100 साल बाद भी हाथी मध्यप्रदेश लौट रहे हैं। कुल मिलकर हाथियों को पड़ोसी राज्यों से ज्यादा सुरक्षा और माहौल मध्यप्रदेश के जंगलों में मिल रहा है और यही कारण है कि हाथी अब केवल यहा रुक नहीं रहे बल्कि उन्होंने बांधवगढ़ को अपना ठिकाना बना लिया है। 100 साल बाद हाथियों की घर वापसी से मध्यप्रदेश की सरकार भी खुश है। यही कारण है कि अब टाइगर के लिए मशहूर बांधवगढ़ को सराकर एलीफेंट टूरिस्ट प्लेस भी बनने जा रहा है।

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