द्रौपदी मुर्मू होंगी एनडीए की राष्ट्रपति उम्मीदवार, पहली बार कोई आदिवासी बनेगा भारत का राष्ट्रपति
दिल्ली- आगामी राष्ट्रपति चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाले एनडीए ने झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को अपना उम्मीदवार बनाया है। वोट बैंक के मौजूद आंकड़े को देखें तो एनडीए के उम्मीदवार की जीत लगभग सुनिश्चित मानी जा रही है। अगर ऐसा होता है तो आजादी के बाद ये ऐसी युगांतकारी घटना होगी जो भारतीय राजनीति में पहले कभी नहीं घटी। द्रौपदी मुर्मू न केवल देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति होंगी बल्कि उन्हें पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति होने का गौरव प्राप्त होगा। ये पहला मौका भी होगा जब कोई आदिवासी भारत के सर्वोच्च संवैधानिक पद को सुशोभित करेगा। ऐसे में हर कोई जानना चाहता है कि आखिर द्रौपदी मुर्मू कौन हैं और क्यों बीजेपी ने उन्हें राष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाया है।
64 वर्षीय द्रौपदी मुर्मू का जन्म 20 जून 1958 को ओडिशा के मयूरभंज जिले के बैदापोसी गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम बिरंची नारायण टुडू है। वह एक आदिवासी जातीय समूह संथाल परिवार से ताल्लुक रखती हैं। ओडिशा के आदिवासी परिवार में जन्मीं द्रौपदी मुर्मू झारखंड की नौवीं राज्यपाल बनी थीं। राजनीतिज्ञ होने के अलावा वह अनुसूचित जनजाति समुदाय से आती हैं। राज्यपाल बनने से पहले वह भारतीय जनता पार्टी की सदस्य रही हैं। उड़ीसा में भारतीय जनता पार्टी और बीजू जनता दल गठबंधन सरकार के दौरान, वह 6 मार्च, 2000 से 6 अगस्त, 2002 तक वाणिज्य एवं परिवहन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रहीं। इसके अलावा 6 अगस्त, 2002 से 16 मई 2004 तक मत्स्य पालन एवं पशु संसाधन विकास राज्य मंत्री थीं। उन्होंने 1997 में एक पार्षद के रूप में चुनाव जीतकर अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी। उसी वर्ष, उन्हें भाजपा के एसटी मोर्चा का राज्य उपाध्यक्ष चुना गया।
द्रौपदी मुर्मू को अपना राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाकर बीजेपी ने एक तीर से दो निशाने साधने की कोशिश की है। देश की आधी आबादी के प्रतिनिधित्व की बात तो है ही साथ ही भाजपा आदिवासियों पर ध्यान केंद्रित कर रही है क्योंकि गुजरात, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में चुनाव होने हैं। इन राज्यों में आदिवासियों का अच्छी खासी संख्या है।
आपको बता दें कि मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है। विपक्षी उम्मीदवार के रूप में जसवंत सिन्हा के नाम की घोषणा के बाद अगले राष्ट्रपति के लिये 18 जुलाई को मतदान होना तय माना जा रहा है। राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन पत्र भरने की प्रक्रिया जारी है। 29 जून नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि है।