दून अस्पताल के संविदा कर्मियों का धरना, अस्पताल प्रशासन ने बाहर करने का लिया है फैसला
देहरादून- कोरोना काल में जान हथेली पर लेकर अस्पतालों में काम करने वाले नर्सिंग स्टाफ पर अब संकट आ गया है। राजधानी देहरादून के सबसे बड़े दून अस्पताल प्रशासन ने यहां काम कर रहे संविदा कर्मियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। जिससे गुस्साये नर्सिंग स्टाफ ने अस्पताल परिसर में ही धरना शुरू कर दिया है। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि कोरोनाकाल में अस्पताल में स्टॉफ की कमी थी लिहाजा नर्सिंग स्टाफ के लिये छह माह का कॉन्ट्रेक्ट कर लोगों को संविदा में रखा था। अब कोरोना की स्थितियां सामान्य हो गई हैं ऐसे में संविदा कर्मियों को बाहर किया जा रहा है। लेकिन संविदा कर्मियों का कहना है कि कोरोनाकाल की विषम परिस्थितियों में उन्होंने जान हथेली पर लेकर काम किया है। कोरोना की पहली और दूसरी लहर में 18 घंटे तक काम किया है। अब अगर अस्पताल प्रशासन उन्हें बाहर निकाल देगा तो उनके भविष्य का क्या होगा। इस पर अस्पताल प्रशासन का कहना है कि जल्द ही नर्सिंग स्टाफ के लिये नई भर्तियों के लिये परीक्षा होनी सभी संविदा कर्मियों को परीक्षा में शामिल होना चाहिए। यह सविंदा कर्मियों के लिये अच्छा अवसर है। लेकिन दून अस्पताल के सविंदा नर्सिंग स्टाफ ने इस तर्क को खारिज कर दिया है उनका कहना है कि सरकार मानवता दिखाये और उन्हें काम पर दोबारा रखा जाए।