Saturday, April 20, 2024
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जिलाधिकारी देहरादून सोनिका ने किया जिला आपदा प्रबंधन केंद्र का औचक निरीक्षण

देहरादून-जिलाधिकारी देहरादून सोनिका ने मंगलवार को जिला आपदा प्रबंधन केंद्र का औचक निरीक्षण किया है। इसके उपरान्त जिलाधिकारी ने बिंदाल नदी के समीप संगम विहार एवं सत्तोवाली घाटी गांधीग्राम के साथ ही चुना भट्टा के पास रिस्पना नदी पुल के समीप निरीक्षण किया। वहीं आपदा परिचालन केन्द्र के निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने आपदा प्रबन्धन केन्द्र की कार्यप्रणाली का जायजा लिया तथा जनपद की विभिन्न तहसीलों में बनाए गए कंट्रोल रूम में कार्यरत कार्मिकों को सतर्क रहने व आईआरएस सिस्टम से जुड़े अधिकारी अलर्ट रहने के निर्देश। उन्होंने उपजिलाधिकारियो से भी दूरभाष पर वार्ता करते हुए स्थिति की जानकारी प्राप्त की। उन्होने अपर जिलाधिकारी प्रशासन को आईआरएस सिस्टम अद्यतन करने के निर्देश। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि मौसम विभाग द्वारा जारी चेतावनी पर अलर्ट रहने व आपदा की सूचना पर त्वरित रिस्पांस करें। उन्होंने समस्त निर्माणदायी संस्थाओं को सड़क पर पड़ी निर्माण सामग्री हटाने के निर्देश दिए।

साथ ही कहा कि निर्माण के दौरान ही सामग्री रखी जाए निमार्ण कार्य प्रारम्भ होने से पूर्व तथा समाप्त होने के बाद निर्माण सामग्री एवं मलवा सड़कों पर पड़ा न रहे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जनपद में नदी किनारे निवास कर रहे लोगों को चिन्हित कर सुरक्षा के दृष्टिगत उनको अन्यंत्र सार्वजनिक स्थान पर स्थानानतरण करने की वैकल्पिक व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए ताकि आवश्यकता पड़ने पर लोगों को पास के ही स्थानों पर स्थानान्तरित किया जा सके। जिलाधिकारी द्वारा संगम विहार एवं सत्तोवाली घाटी गांधीग्राम के निरीक्षण के दौरान नगर निगम को नदी/नाले की साफ-सफाई तथा लोनिवि के अधिकारियों को पुल एवं रास्तों के मरम्मत करने के निर्देश दिए। स्थानीय लोगों से भी वार्ता की कूड़ा नदी में न फेंकने का अनुरोध किया है। उन्होंने चुना भट्टा के समीप रिस्पना नदी किनारे बस्ती एवं पुल का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने लोनिवि के अधिकारियों को चैनालाइजेशन का कार्य करने तथा नदी के मलवे की सफाई कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने लोनिवि एवं नगर निगम को ड्रेनेज सिस्टम ठीक करने तथा जहां बरसातों में पानी ठहरता है, पानी की निकासी की स्थायी व्यवस्था बनने तक पानी निकालने हेतु वैकल्पिक व्यवस्थाएं बनाई जाएं ताकि जलभराव न हो।

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