Saturday, April 20, 2024
कोविड 19राष्ट्रीय

कोरोना वायरस का डेल्टा वैरिएंट ज़्यादा घातक और देश में दूसरी लहर का जिम्मेदार

-आकांक्षा थापा

भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर अब थमने लगी है। जहाँ कुछ समय पहले हालात एकदम बेकाबू हो चुके थे, वहीँ अब संक्रमण पहले के मुकालबे कम फ़ैल रहा है। देश में आई कोरोना की दूसरी लहर को लेकर जानकारों ने अब एक बड़ा खुलासा किया है। जी हाँ, एक शोध के आधार पर जानकारों ने दावा किया है कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर के लिए “डेल्टा वैरिएंट” को जिम्मेदार माना जा सकता है। इसे “अल्फा वैरिएंट” से भी ज्यादा खतरनाक बताया जा रहा है।INSACOG की ओर से किए गए एक शोध में जानकारों द्वारा इसका दावा किया गया है। भारत में इस वैरिएंट चिंता का विषय बताया गया है। आपको बता दें की देश में डेल्टा वैरिएंट के अब तक 12,000 से ज्यादा मामले सामने आये हैं, यह जानकारी नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल ने दी है। वहीँ इस शोध की बात की जाए तो, INSACOG ने यह शोध किया है। बता दें की INSACOG भारत में जीनोम अनुक्रमण करने वाली प्रयोगशालाओं का संघ है।

क्या है कोरोना का डेल्टा वैरिएंट ?
देश में मिले कोरोना वैरियंट्स के वैज्ञानिक नाम B.1.617.2 और B.1.618 हैं। इनमे से B.1.617.2 वैरियंट सबसे पहले पाया गया था, जिसे डबल म्यूटेंट स्ट्रेन भी कहा गया था। आपको बता दें की यहाँ हम जिस डेल्टा वैरिएंट की बात कर रहे है वो B.1.617.2 ही है। इसके अलावा B.1.618 वैरियंट को कप्पा के नाम से जाना जाएगा।

डेल्टा वैरिएंट अल्फ़ा वैरिएंट से ज़्यादा खतरनाक
डेल्टा वैरिएंट यानि B.1.617.2, अल्फा वैरिएंट यानि B.1.1.7 की तुलना मे 50% तेजी से फैलता है। यहाँ गौर करने वाली बात यह है की वैक्सीन लेने के बावजूद भी कोरोना के इस वैरिएंट से संक्रमित होने की संभावनाएं कम नहीं बल्कि काफी ज़्यादा है। दूसरी तरफ बात करें कोरोना के अल्फा वैरिएंट की, तो अक्सर देखा गया है की वैक्सीन लगाने के बाद इस वैरिएंट से एक भी व्यक्ति कोरोना से संक्रमित नहीं हुआ है।

देश के इन हिस्सों में डेल्टा वैरिएंट की मौजूदगी
भारत में आई दूसरी लहर में कोरोना के डेल्टा वैरिएंट ने वायरस के बाकी सभी वैरिएंटों को पीछे छोड़ दिया। आपको बता दें कि कुल 29,000 जीनोम अनुक्रमण (सिक्वेंसिंग) में 1000 से ज्यादा मामले सामने आए हैं। जबकि अबतक डेल्टा वैरिएंट के 12,200 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। डेल्टा वैरिएंट का सबसे ज्यादा असर दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और तेलंगाना में देखने को मिला है हालाँकि, इस वैरिएंट की मौजूदगी लगभग देश के सभी राज्यों में है…

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