दिल्ली हिंसा केसः साकेत कोर्ट ने शरजील इमाम को किया बरी
दिल्ली की साकेत कोर्ट ने शुक्रवार को 2019 के दिल्ली हिंसा मामले में आरोपी शरजील इमाम को बरी किया। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), 2019 के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों और पुलिस के बीच हिंसा भडक गई थी। शरजील पर दिल्ली पुलिस ने हिंसा भडकाने की साजिश रचने का आरोप लगया था। इस मामले में शरजील को 2021 में जमानत मिली थी। हालांकि इमाम पर चल रहे अन्य मामलों के कारण उसे जेल में ही रहना पडा।
दिल्ली दंगों के आरोपी शरजील इमाम ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दर्ज की थी। इसमें कहा गया था कि दंगों के एक औऱ आरोपी औऱ जेएनयू के छात्र उमर खालिद की जमानत अर्जी खारिज करने के दौरान दिल्ली हाइकोर्ट ने उसके खिलाफ टिप्पणी की है। इमाम ने सुप्रीम कोर्ट से इस टिप्पणी को हटाने की मांग की थी। दिल्ली हाइकोर्ट ने 18 अक्टूबर 2022 के अपने आदेश में दंगों की साजिश में शामिल होने के मामले में इमाम को भी शामिल किया था।
शरजील इमाम और कई अन्य पर फरवरी 2020 के दंगों के मास्टरमाइंड होने के लिए यूएपीए मामले में आतंकवाद विरोधी कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है। दंगो में 53 लोग मारे गए थे और 700 से अधिक घायल हो गए थे। इमाम पर दिसंबर 2019 में जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में सीएए और एनआरसी पर सरकार के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने का आरोप था।
इस साल 24 जनवरी को पूर्वी दिल्ली की एक अदालत ने शरजील इमाम के खिलाफ राजद्रोह सहित आईपीसी की कई संगीन धाराओं में आरोप तय किए थे।इसके बाद कोर्ट ने कहा कि दिसंबर 2019 में दिए भडकाऊ भाषणों के लिए शरजील इमाम को ट्रायल का सामना करना होगा। शरजील पर ये आरोप अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (यूपी) और दिल्ली के जामिया इलाके में दिए गए भाषणों पर लगे हैं।जानकारी के मुताबिक, एडिशनल सेशन जज अमिताभ रावत ने फैसला दिया था कि शरजील इमामल पर आईपीसी के सेक्शन 124A (देशद्रोह), 153A, 153B और 505 और UAPA के सेक्शन 13 के तहत केस दर्ज होगा।