Tuesday, April 23, 2024
उत्तराखंड

महिलाओं के 30 फीसदी क्षैतिज आरक्षण पर संकट, राजभवन ने लौटाया आरक्षण विधेयक

उत्तराखंड विधानसभा में महिला आरक्षण बिल पास हुए एक महीने से अधिक का समय हो गया है लेकिन अब तक ये कानून नहीं बन पाया है। क्योंकि महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण के विधेयक पर सांविधानिक पेच फंस गया है। इस पर सरकार और राजभवन की राय एक नहीं है। राजभवन के विधि विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह का कानून केवल देश की संसद में ही पारित हो सकता है। राजभवन गए 14 में से अधिकांश विधेयक मंजूर हो चुके हैं लेकिन महिला आरक्षण का मामला अभी लटका हुआ है। सूत्रों की मानें तो महिला आरक्षण को लेकर राजभवन और सरकार के विधि सलाहकारों की बैठक भी हो चुकी है लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल पाया। राज्य सरकार के लिए महिला आरक्षण को सांविधानिक दर्जा दिलाने में कई कानूनी पेच हैं। यही वजह है कि राज्य में महिला आरक्षण केवल शासनादेश से दिया जा रहा था। अब तक किसी भी सरकार ने इसे विधेयक के रूप में विधानसभा में लाने की हिम्मत नहीं की। पिछले साल हाईकोर्ट ने एक याचिका पर महिला आरक्षण को असंवैधानिक बताकर इस पर रोक लगा दी थी। तब पहली बार धामी सरकार ने इसे कानूनी जामा पहनाने की कसरत शुरू की। सुप्रीम कोर्ट में उत्तराखंड महिला आरक्षण मामले में विचाराधीन एसएलपी पर फरवरी में सुनवाई होनी है। लिहाजा अब माना जा रहा है कि राजभवन इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भी इंतजार कर रहा है। यानी एक बार फिर महिला आरक्षण का मसला लटकता जा रहा है।

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