उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की पीसीएस परीक्षा का मेंस इग्जाम होने जा रहा है और इससे पहले ही परीक्षा को लेकर सवाल खड़े होने शुरू हो गये हैं। बताया जा रहा है कि जिन 603 उम्मीदवारों को आयोग ने फीस जमा न करने आधार पर मुख्य परीक्षा से बाहर किया है उसमें से 70 फीसदी अभ्यर्थियों की मुख्य परीक्षा में बैठने में रूची ही नहीं है। इसके पीछे असल कारण क्या है ये तो साफ नहीं हो पाया है मगर जो जानकारी सामने आ रही है उससे यही पता चला है कि अधिकांश अभ्यर्थी इसलिये परीक्षा में नहीं बैठना चाहते क्योंकि परीक्षा में कई पेंच फंसे हैं और मामला कोर्ट तक जाएगा ऐसे में परीक्षा रद्द भी हो सकती है। हालांकि ऐसी किसी खबर का जय भारत टीवी पुष्टि नहीं करता।
बताया जा रहा है कि पीसीएस परीक्षा को लेकर एक बड़ा पेंच उत्तराखंड की महिलाओं को मिलने वाले आरक्षण को लेकर फंस रहा है। दूसरा पेंच है कि आयोग ने पदों के सापेक्ष कई गुना अधिक अभ्यर्थियों का चयन किया है। मसल एक पद के सापेक्ष 70 अभ्यर्थी। अगर कोर्ट में इस बात की पैरवी होती है जैसा कि कई अभ्यर्थी तैयारी में हैं तो मामला फंस सकता है। बीते दिनों आयोग ने मुख्य परीक्षा के 603 उम्मीदवारों को बाहर कर दिया। आयोग का तर्क था कि इन अम्मीदवारों ने मुख्य परीक्षा की फीस जमा नहीं की। मगर बताया ये जा रहा है कि इनमें से अधिकांश उम्मीदवार वो हैं जो इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि तमाम खामियों के चलते परीक्षा मुश्किल में पड़ सकती है। हालांकि आयोग इन सभी बातों को सिरे से खारिज कर रहा है। ऐसे में अब देखना दिलचस्प है पीसीएस परीक्षा निर्विवाद संपन्न हो पाएगी या नहीं।