अंकिता हत्याकांड में अभियोजन पक्ष की ओर से कोटद्वार न्यायिक मजिस्ट्रेट भावना पांडे की कोर्ट में 500 पन्नों की चार्जशीट दाखिल कर दी गई है। इसमें 100 गवाहों के नाम और 30 से ज्यादा दस्तावेजी साक्ष्य शामिल हैं। चार्जशीट में आईपीसी की धारा, 354 ए, 302, 201 120 बी और अनैतिक व्यापार अधिनियम के तहत चार्ज लगाए गए हैं। जिस पर कोर्ट 22 दिसंबर को सुनवाई करेगी। लेकिन बड़ा सवाल अभी बना हुआ है कि आखिर वो वीआईपी कौन था? इस वीआईपी के संबंध में चार्जशीट में कुछ नहीं है। जांच टीम का कहना है कि वीआईपी के नाम के खुलासे के लिये आरोपियों का नार्को टेस्ट करने की आवश्यकता है और नार्को टेस्ट के लिये कोर्ट से इजाजद मांगी गई है। एक आरोपी ने 10 दिन का समय मांगा था जिस पर कोर्ट 22 दिसंबर को ही सुनवाई करेगी।
पुलिस ने इस मामले में 100 गवाह तैयार किये हैं जिनमें मुख्य गवाह
रिजॉर्ट के कर्मचारी
अंकिता का पोस्टमार्टम करने वाले एम्स के डॉक्टर
डीएनए जांच करने वाले फोरेंसिक एक्सपर्ट
केंद्रीय एफ एसएल के फोरेंसिक डॉक्टर
मुकदमे के वादी अंकिता के पिता
विवेचना करने वाले पुलिस अधिकारी शामिल हैं।
30 से अधिक दस्तावेजी सबूत जुटाये गये हैं जिनमें
अंकिता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट
स्वैब की डीएनए रिपोर्ट
मोबाइल की फोरेंसिक रिपोर्ट
अंकिता के कपड़े
तीनों आरोपियों के मोबाइल
पुष्प और अंकिता की चोट से जुड़े पुख्ता सबूत हैं।
उत्तराखंड की बेटी को न्याय दिलाना है और अब लोगों की नजरें कोर्ट पर टिकी हुई हैं।