फिर बहाल हुई चमोली जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने चमोली की जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी की बर्खास्तगी पर रोक लगाते हुए उन्हें पद पर बहाल कर दिया है। साथ ही उन पर चल रही जांच पर भी रोक लगा दी है.
साल 2012 में नंदा राजजात यात्रा के दौरान हुई अनियमितताओं की जांच पर रोक के लिए रजनी भंडारी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। रजनी ने सरकार के 25 जनवरी के बर्खास्तगी आदेश पर रोक लगाने की मांग की है। भंडारी ने कहा है कि सरकार ने जांच करने में पंचायती राज अधिनियम के प्रावधानों का पालन नहीं किया है। नियमावली के अनुसार अनियमितता होने पर पहले जिलाधिकारी के स्तर से प्रारंभिक जांच की जाती है। लेकिन जिलाधिकारी ने इस शिकायत की स्वयं जांच ना कर सीडीओ को जांच सौंप दी। सीडीओ ने जांच कराने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर जांच करा दी। याचिका में कहा गया है कि जो जांच कराई गई, इसमें नियमावली का किसी तरह पालन नहीं किया गया। इसलिए इस जांच पर रोक लगाई जाए। याचिकाकर्ता की ओर से यह भी कहा गया कि उन्हें राजनीतिक दुर्भावना के चलते फंसाया जा रहा है।
अब देखना है कि अगली सुनवाई में कोर्ट इस मामले में क्या आदेश देती है।
आपको बता दें कि भ्रष्टाचार के मामले में पंचायती राज विभाग की ओर से 25 जनवरी को एक आदेश जारी कर रजनी भंडारी को जिला पंचायत अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था। इससे पहले भी रजनी को बर्खास्त किया गया था तब हाईकोर्ट के आदेश पर ही उनकी बहाली हुई थी।