निगमों में भाजपा की प्रचंड जीत, पालिका और नगर पंचायत में 50-50 की रही टक्कर
2022 में सत्ता में वापसी, 2024 लोकसभा क्लीन स्वीप और अब निकाय चुनाव में में परचम, उत्तराखंड की राजनीति में भाजपा का विजयी रथ लगातार आगे बढ़ रहा है।
निकाय चुनाव की बात करें तो सूबे की 11 नगर निगम में से 10 में बीजेपी अपना मेयर बनाने में कामयाब रही, लेकिन नगर पालिका और नगर पंचायत के चुनाव में कांग्रेस और निर्दलीय प्रत्याशियों से उसे कड़ी टक्कर मिली है।
नगर निगम की 11 में से 10 में बीजेपी अपने मेयर बनाने में सफल रही और एक मेयर निर्दलीय का चुना गया है। कांग्रेस का खाता तक नहीं खुला। बीजेपी हल्द्वानी, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, कोटद्वार, रुद्रपुर, हल्द्वानी, काशीपुर, ऋषिकेश, रुड़की और हरिद्वार नगर निगम में अपना मेयर बनाने में कामयाब रही जबकि श्रीनगर में निर्दलीय आरती भंडारी मेयर बनी है। कांग्रेस एक भी मेयर नहीं बना सकी, जबकि 2018 में उसके दो मेयर थे।
उत्तराखंड के 43 नगर पालिका अध्यक्षों के चुनावी नतीजे देखें तो 16 नगर पालिका सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की है तो कांग्रेस ने 12 नगर पालिका क्षेत्र में अपना दबदबा बनाए रखा। 13 नगर पालिका सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी चुने गए हैं तो दो नगर पालिका सीटें बसपा के खाते में गई हैं।
46 नगर पंचायत के अध्यक्ष के नतीजे देखें तो बीजेपी, कांग्रेस और निर्दलीय के बीच कांटे की फाइट रही. बीजेपी ने 15, कांग्रेस ने 15 और निर्दलीय उम्मीदवार भी 15 नगर पंचायत के अध्यक्ष चुने गए हैं।
अब निकाय चुनाव में तीनों निकायों यानी निगम, पालिका और नगर पंचायत में पार्षद, सभासद और सदस्यों की बात करें तो यहां निर्दलीयों का पलड़ा भारी रहा। तीनों ही नगर निकाय में 1282 पार्षद वार्ड पर चुनाव हुए हैं। जिसमें 648 वार्ड में निर्दलीय पार्षद चुने गये हैं तो 441 वार्ड में बीजेपी जीती है और 164 वार्ड में कांग्रेस के पार्षद चुने गए हैं।