Home राजनीति वीर स्वतंत्रता सेनानी लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक को शत शत नमन 

वीर स्वतंत्रता सेनानी लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक को शत शत नमन 


भारत के स्वतंत्रता सेनानियों में का नाम बड़े ही सम्मान से लिया जाता है। उन्होंने हमारे देश को अंग्रेजों की गुलामी से मुक्‍त करवाने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई थी।   बाल गंगाधर तिलक का को के रत्नागिरि के चिक्कन गांव में जन्‍म हुआ था। पिता गंगाधर रामचंद्र तिलक एक धर्मनिष्ठ ब्राह्मण थे। अपने परिश्रम के बल पर शाला के मेधावी छात्रों में बाल गंगाधर तिलक की गिनती होती थी। वे पढ़ने के साथ-साथ प्रतिदिन नियमित रूप से व्यायाम भी करते थे अतः उनका शरीर स्वस्थ और पुष्ट था।

  सन्‌ 1879 में उन्होंने बीए तथा कानून की परीक्षा उत्तीर्ण की। घर वाले और उनके मित्र-संबंधी यह आशा कर रहे थे कि तिलक वकालत कर धन कमाएंगे और वंश के गौरव को बढ़ाएंगे, परंतु तिलक ने प्रारंभ से ही जनता की सेवा का व्रत धारण कर लिया था। परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद उन्होंने अपनी सेवाएं पूर्ण रूप से एक शिक्षण संस्था के निर्माण को दे दीं। सन्‌ 1880 में न्यू इंग्लिश स्कूल और कुछ साल बाद फर्ग्युसन कॉलेज की स्थापना की।

वे हिन्दुस्तान के एक प्रमुख नेता, समाज सुधारक और स्वतंत्रता सेनानी थे। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के वे पहले लोकप्रिय नेता थे। इन्होंने सबसे पहले ब्रिटिश राज के दौरान पूर्ण स्वराज की मांग उठाई।
 
लोकमान्य तिलक ने जनजागृति का कार्यक्रम पूरा करने के लिए महाराष्ट्र में गणेश उत्सव तथा शिवाजी उत्सव सप्ताह भर मनाना प्रारंभ किया। इन त्योहारों के माध्यम से जनता में देशप्रेम और अंग्रेजों के अन्यायों के विरुद्ध संघर्ष का साहस भरा गया। सच्चे जननायक तिलक को लोगों ने आदर से लोकमान्य की पदवी दी थी।
तिलक के क्रांतिकारी कदमों से अंग्रेज बौखला गए और उन पर राष्ट्रद्रोह का मुकदमा चलाकर 6 साल के लिए ‘देश निकाला’ का दंड दिया और बर्मा की मांडले जेल भेज दिया गया। इस अवधि में तिलक ने गीता का अध्ययन किया और ‘गीता रहस्य’ नामक भाष्य भी लिखा। तिलक के जेल से छूटने के बाद जब उनका ‘गीता रहस्य’ प्रकाशित हुआ तो उसका प्रचार-प्रसार आंधी-तूफान की तरह बढ़ा और जनमानस उससे अत्यधिक आंदोलित हुआ।
तिलक ने मराठी में ‘मराठा दर्पण’ व ‘केसरी’ नाम से दो दैनिक समाचार पत्र शुरू किए, जो जनता में काफी लोकप्रिय हुए। जिसमें तिलक ने अंग्रेजी शासन की क्रूरता और भारतीय संस्कृति के प्रति हीनभावना की बहुत आलोचना की। ऐसे वीर लोकप्रिय स्वतंत्रता सेनानी लोकमान्य तिलक का निधन मुंबई में 1 अगस्त 1920 को हुआ।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

हल्द्वानी में आयोजित हुआ ईजा-बैंणी महोत्सव, रोड शो में शामिल हुये सीएम धामी

उत्तराखंड के हल्द्वानी में आयोजित ईजा-बैंणी महोत्सव के कार्यक्रम स्थल एमबी इंटर कॉलेज के मैदान में सीएम धामी पहुंच चुके है। सीएम धामी के...

तीन दिन उत्तराखंड में मौसम रहेगा शुष्क, मैदानी इलाकों में छाएगा कोहरा

उत्तराखंड के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पिछले तीन दिन हुई बारिश और बर्फबारी से ठंड काफी बढ़ गई है। हालांकि अगले तीन दिनों तक...

सीएम आवास में मनाई गई इगास बग्वाल, श्रमिकों के परिजनों संग थिरके सीएम पुष्कर सिंह धामी

सीएम आवास में मनाई गई इगास बग्वाल, श्रमिकों के परिजनों संग थिरके सीएम पुष्कर सिंह धामी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सिलक्यारा टनल रेस्क्यू पूरा...

चीन में फैली बच्चों की बीमारी, उत्तराखंड में जारी हुआ अलर्ट

चीन में छोटे बच्चों में फैल रहे निमोनिया और इन्फ्लूएंजा फ्लू को लेकर उत्तराखंड में भी स्वास्थ्य महकमे ने अलर्ट जारी किया है। स्वास्थ्य...

सिलक्यारा टनल पर कांग्रेस के सवाल, कहा दोषी कंपनी के खिलाफ कार्यवाई कब?

सिलक्यारा टनल से बचकर बाहर आये मजदूरों को दी गई आर्थिक मदद को कांग्रेस ने नाकाफी करार दिया है। कांग्रेस की मांग है कि...

उत्तराखंड को नये डीजीपी की तलाश शुरू, 30 नवंबर को सेवानिवृत हो रहे हैं वर्तमान डीजीपी आशोक कुमार

उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार 30 नवंबर को सेवानिवृत हो रहे हैं। उससे पहले उत्तराखंड में डीजीपी के नाम का चुनाव करना है,...

जब फेल हुआ विज्ञान तो देवदूत बनकर पहुंचे रैट माइनर्स, सिलक्यारा रेस्क्यू के हीरो

सिलक्यारा टनल में 17 दिनों तक फंसे सभी 41 मजदूर सकुशल बाहर निकल आये हैं, सभी स्वस्थ्य हैं और जल्द ही इन्हें अस्पताल में...

उत्तराखंड में बदला मौसम का मिजाज, चारो धामों में जमकर हो रही बर्फबारी

उत्तराखंड में बीते बुधवार से मौसम का मिजाज बदल गया है। इस दौरान राज्य के पर्वतीय इलाकों में कहीं कहीं बारिश तो कहीं ओला...

सिलक्यारा टनल में ऑपरेशन जिंदगी सफल, 16 दिन बार सकुशल बाहर निकल रहे हैं 41 मजूदर

16 दिनों से सिलक्यारा टनल में फंसे 41 मजदूर जीत गये, जी हां उनके जज्बे की जीत हुई, उनका धैर्य जीत गया। जिंदगी और...

रोबोटिक से 100 सर्जरी पूरी कर मैक्स हॉस्पिटल ने बनाया रिकार्ड

रोबोटिक सर्जरी के मामले में मैक्स हॉस्पिटल ने नया कीर्तिमान स्थापित किया है। मैक्स हॉस्पिटल ने ग्यारह महीनों की अवधि में 100 रोबोटिक सर्जरी...