उत्तराखंड – केदारनाथ बद्रीनाथ और चीन सीमा की सेना की चौकियों में बर्फ़बारी
उत्तराखंड में केदारनाथ और बदरीनाथ धाम में पड़ रही बर्फ़बारी ने यात्रियों को जहाँ रौनक का अनुभव कराया है वहीँ उनकी मुसीबत भी बढ़ा दी है।
ठिठुरन और सर्द हवाओं से उनके पास कमरों में सिमटने के अलावा अभी कोई उपाय नहीं है … कड़ाके की सर्दी से पहाड़ के इन हिस्सों में जहाँ नल और नाले जम गए है वहीँ घरों की छतों पर पाले की मोटी परत जमने से लोगों को कड़ाके की सर्दी का सामना करना पड़ रहा है। बदरीनाथ में हल्की बर्फबारी और बारिश से तापमान गिर गया है ….अपने आसपास पहाड़ियों , पेड़ों , झाड़ियों , होटलों में पाले की मोटी परत देखकर तीर्थयात्री भी बेहद रोमांच का एहसास कर रहे हैं।
स्थानीय लोगों की बात करें तो नलों में पानी जमने से भी लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। धाम के आसपास की छोटी जलधाराएं और नाले भी सर्दी के कारण जम गए है । ऐसी हालत में तीर्थयात्रियों के पास लकड़ियों के अलाव जलाकर राहत पाने का ही एक सहारा बचा है जिसका वो लुत्फ़ भी ले रहे हैं …. उधर, नर नारायण पर्वत, नीलकंठ और हेमकुंड साहिब में भी भारी बर्फबारी शुरू हो गयी है।
केदारनाथ में अभी एक नवंबर को भी बर्फबारी हुई थी। केदारनाथ में बर्फबारी होने का असर मैदानी इलाकों में दिखाई दे रहा है। मैदानी इलाकों में भी लोग अब गर्म कपड़ों में दिखाई दे रहे हैं।
केदारनाथ धाम में कंपा देने वाली बर्फबारी से धाम में न्यूनतम तापमान चार डिग्री पर पहुंच गया। जबकि अधिकतम तापमान सोलह डिग्री दर्ज किया गया।
केदारनाथ के अलावा मद्महेश्वर, तुंगनाथ और कालीशिला की पहाड़ियों पर भी बर्फबारी होने लगी है। वहीँ मुनस्यारी के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी से भी यहाँ ठंड ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। मुनस्यारी के उच्च हिमालयी क्षेत्रों पंचाचूली, राजरंभा, हसलिंग, नंदा देवी, नागनी धुरा सहित विभिन्न स्थानों में बारिश के साथ बर्फबारी होने लगी है। मुनस्यारी का अधिकतम तापमान 13 और न्यूनतम तापमान 5 डिग्री रिकार्ड किया गया।
अब बात जवानों की करें तो सेना की चौकियों में भी हुई सीजन की इस बर्फबारी ने मुसीबत बढ़ा दी है …. उच्च हिमालयी क्षेत्रों में चीन सीमा पर स्थित भारतीय सेना की चौकियों में भी बर्फबारी होने का सिलसिला शुरू हो गया है। दुंग, बमरास, ओल्ड दुंग चौकियों में बर्फबारी ने मौसम का मिज़ाज़ बिगाड़ दिया है। चौकियों के आसपास बर्फ की सफेद चादर बिछ गई। इन चौकियों में कहीं कहीं तो तापमान माइनस में भी पहुंच गया है।