बंगाल निवासी 72 वर्षीय अमल कुमार दास ने कालिंदीखाल-बदरीनाथ (6010 मीटर) ट्रैक को सफलतापूर्वक पार किया। उन्होंने साबित कर दिखाया कि बढ़ती हुई उम्र केवल गिनती है। अमल कुमार दास के हैसलें पर्वत से भी ऊंचे हैं। वह बतातें है कि उन्हें बचपन से ही ट्रैकिंग का शौक रहा। लेकिन पारिवारिक जिम्मेदारी के चलते अपना शौक पूरा नहीं कर पाये। लेकिन उन्होंने अपनी नौकरी के दौरान छोटे मोटे ट्रैक किये। एसबीआइ में दार्जिलिंग पोस्टिंग के दौरान उन्होंने छोटे ट्रैक और सुदूरवर्ती गांवों की ट्रैकिंग की। वर्ष 2010 में एसबीआइ में प्रबंधक पद से सेवानिवृत्ति के बाद अमल अपना घुमक्कड़ी का शौक पूरा करने में जुट गए। बीते 12 साल में वह मयाली पास, हरकीदून, नंदनवन सहित कई ट्रैक पार कर चुके हैं।
अमल कुमार ने बताया कि वर्ष 2017 से ही उन्होंने कलिंदीखाल ट्रैक पार करने की ठानी थी। लेकिन हर वर्ष कुछ न कुछ कारणों से रह जाते थे। बता दें कि इस ट्रैक में जोखिम कम नहीं होता। गंगोत्री-कालिंदीखाल-बदरीनाथ ट्रैक को पूरा करने में दस से 12 दिन लगते हैं। इस बीच सात दिन तक बर्फीले क्षेत्र से गुजरना पड़ता है। मौसम का मिजाज बदलने पर ट्रैकर रास्ता तक भटक जाते हैं। वहीं अमल कुमार दास ने इस ट्रैक को सफलतापूर्वक पार कर दिखाया। गंगोत्री नेशनल पार्क के उप निदेशक आरएन पांडेय बताते हैं कि इस उम्र में 109 किमी लंबे कालिंदीखाल ट्रैक को पार करने वाले अमल पहले व्यक्ति हैं। अब तक 62 वर्ष तक के ही ट्रैकर यहां से गुजरे हैं।