अमेरिकी संसद में उठा अरुणाचल प्रदेश का मुद्दा, बताया भारत का अभिन्न अंग
संयुक्त राज्य अमेरिका की संसद (Congress) में भारत को लेकर एक ऐसा प्रस्ताव पेश किया गया है, जिसको लेकर चीन का तिलमिलाना तय है। अमेरिका के राज्य ओरेगोन से दो सांसदों जेफ मर्कले औऱ बिल हागेर्टी ने अरुणाचल मुद्दे पर भारत का समर्थन करते हुए अमेरिकी संसद में द्विदलीय विधेयक पेश किया है। इस विधेयक में अरुणाचल प्रदेश को भारत का अभिन्न अंग बताया गया है। इस विधेयक में चीन के द्वारा वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की स्थिति को बदलने के लिए सेना के प्रयोग की निंदा की गई है। साथ ही इसमें चीनी हमलों से बचने के लिए उठाए गए कदमों के लिए भारत सरकार की सराहना भी की गई है। विधेयक में भारत औऱ अमेरिका के बीच रक्षा, तकनीक औऱ आर्थिक संबंधों को मजबूत बनाने की बात भी की गई है।
मार्कले, ओरेगोन से एक प्रगतिशील डेमोक्रेटिक सीनेटर हैं, जो चीन पर अमेरिकी संसद के कार्यकारी आयोग के सह-अध्यक्ष के रुप में कार्य करते हैं। वहीं, हैगर्टी जापान में अमेरिका के पूर्व राजदूत रहे हैं। दोनों सांसद अमेरिकी संसद की विदेश संबंधी समिति (एसएफआरसी) के सदस्य हैं। अमेरिकी संसद में पेश किए गए इस प्रस्ताव को ‘अरुणाचल प्रदेश को भारत का अभिन्न हिस्सा बताना और दक्षिण एशिया में पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के उकसावों की निंदा करना’ नाम दिया गया है। इसे एसएफआरसी को भेजा गया है। यदि अध्यक्ष बॉब मेनेंडेज इस पर कोई आपत्ति नहीं जताते हैं तो इसे कानून के रुप में संसद के पटल पर पेश किया जा सकता है।
सीनेटर बिल हागेर्टी के अनुसार, ऐसे समय जब चीन हिंद-प्रशांत महासागर में आजादी के लिए खतरा बना हुआ है, तब अमेरिका को अपने रणनीतिक साझेदारों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा होना चाहिए। खासकर भारत के साथ। उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका की रणनीतिक साझेदारी को मजबूत किया जाए। अमेरिका मैकमोहन लाइन को भारत औऱ चीन के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा मानता है।
बता दें कि अरुणाचल प्रदेश भारत और चीन के बीच लंबे समय से संघर्ष का विषय बना हुआ है। चीन की सेना सीमा पर यथास्थिति को बदलने की कोशिश कर रही है। इसके लिए चीन की सेना सीमा पर गांवों को बसा रही है।