अंकिता भंडारी हत्याकांड के मुख्य आरोपी पुलकित आर्य और दूसरे आरोपी सौरभ ने नार्को और पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए सहमति दे दी है जबकि, तीसरे आरोपी अंकित ने सोचने और सलाह मशविरा के लिए 10 दिन का समय मांगा है। बता दें कि अब तीसरे आरोपी अंकित के जवाब के बाद न्यायिक मजिस्ट्रेट कोटद्वार की अदालत में 22 दिसंबर को सुनवाई होनी है। एसआईटी आरोपियों का नार्को टेस्ट कराना चाहती है। माना जा रहा है कि इस हत्याकांड में कथित तौर पर शामिल वीआईपी का नाम एसआईटी जानना चाहती है, यही वजह है कि जाचं टीम एसआईटी आरोपियों का नार्को और पॉलीग्राफ टेस्ट कराना चाहती है।
वहीं आरोपी पुलकित ने नार्को और पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए सहमति के साथ कुछ शर्तें भी रखी हैं। उसने कहा है कि उससे पूछताछ की वीडियोग्राफी और रिकॉर्डिंग की जाए। ताकि, उसमें कोई छेड़छाड़ न कर सके। हालांकि, इस टेस्ट की वीडियोग्राफी की जाती है। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक टेस्ट में पारदर्शिता रखने के लिए यह अनिवार्य होता है।
आपको बता दें कि नार्को और पॉलीग्राफ टेस्ट में अंतर क्या होता है।
पॉलीग्राफ टेस्ट : इसमें कुछ खास उपकरणों से आरोपी की दिल की धड़कन, बीपी, पसीना और अन्य शारीरिक प्रतिक्रियाओं से झूठ-सच का पता लगाया जाता हैं।
नार्को टेस्ट : नार्को टेस्ट में खास तरह ही दवा देकर आरोपी को अचेतन अवस्था में पहुंचाकर सवालों के जवाब मांगे जाते हैं। यह सब विशेषज्ञों और डॉक्टरों की देखरेख में होता है।