नदियों के अतिक्रमण पर आज से होगी कार्यवाई, राज्य की 25 नदियां से हटेंगे अवैध कब्जे
मजारों, शहरी अतिक्रमण के बाद आज से धामी सरकार का बुलडोजर नदियों के किनारे बने अवैध निर्माणों पर गरजने वाला है। इसके लिये सभी 13 जिलों के जिलाधिकारियों को निर्देश जारी हो गये हैं। राज्यभर में जिन नदियों से अतिक्रमण हटाया जाता है उनकी संख्या करीब 25 है। ये वो नदियां हैं जिनके किनारे लोगों ने अवैध कब्जा कर दुकानें, मकान, होटल या आवासीय परिसरों का निर्माण कराया है। नदियों से लगती ये जमीन वन विभाग की है जिस पर अतिक्रमणकारी वर्षों से बैठे हुये हैं। जिन नदियों से अतिक्रमण हटाया जाना है उसमें कुमाउं और गढ़वाल दोनों मंडलों की नदियों को चिन्हित किया गया है। जिसमें कुमाउं की शारदा, नधौरा, दाबका, कोशी, गोला जैसी नदियां शामिल हैं। वहीं गढ़वाल में कालसी, जमुना, टोंस, सुखरो, मालदेवता, रिस्पना, जाखन जैसी नदियों को शामिल किया गया है।
बताया जा रहा है कि वन विभाग ने इन नदियां के किनारे अवैध निर्माण अतिक्रमण को पहले ही चिन्हित कर लिया है और इसकी सूची शासन को भेज दी है इंतजार सिर्फ सरकार के आदेश का था जो अब मिल चुका है। यानी अगले 1 महीने उत्तराखंड की नदियों में अतिक्रमण के खिलाफ धामी सरकार का बुलडोजर चलने वाला है, देखना होगा कि क्या इस बार देवभूमि की नदियां अवैध कब्जों से मुक्त हो पाएंगी या ये भी हवाई साबित होगा।