उत्तराखंड के 158 डॉक्टरों पर गिरी गाज, सरकार ने सभी को किया सस्पेंड, लंबे समय से चल रहे थे गायब
उत्तराखंड सरकार ने राजकीय अस्पतालों में तैनात 158 डॉक्टरों की सेवाएं समाप्त कर दी हैं। जी हां इन डॉक्टरों पर लंबे समय से बिना सूचना के अनुपस्थित रहने का आरोप था। अब सरकार ने इन सभी को सस्पेंड कर दिया है।
बर्खास्त किए गए 158 डॉक्टरों में से 60 ने कभी अपनी नौकरी ज्वाइन ही नहीं की, जबकि 59 बिना बताए लंबे समय से गैरहाजिर थे। 39 डॉक्टर ऐसे हैं जो प्रशिक्षण अवधि से ही गायब चल रहे थे। इस लापरवाही का सबसे ज्यादा असर दूरस्थ और पर्वतीय क्षेत्रों के मरीजों पर पड़ा, जिन्हें इलाज के लिए बड़े शहरों का रुख करना पड़ता था।
बर्खास्त डॉक्टरों में अल्मोड़ा के 12, नैनीताल, चंपावत और उत्तरकाशी के 11-11, ऊधमसिंह नगर के 21, देहरादून और बागेश्वर के 9, पिथौरागढ़ के 5, हरिद्वार के 6, रुद्रप्रयाग के 7, पौड़ी के 10 और टिहरी और चमोली के 13-13 डॉक्टर शामिल हैं।
स्वास्थ्य विभाग इन डॉक्टरों के स्थान पर जल्द ही नई भर्ती करने जा रहा है।