तेलंगाना में उत्तराखंड की सिलक्यारा टनल जैसा हादसा, अब बुलाये गये रेट माइनर्स
उत्तराखंड के सिलक्यारा टनल की तर्ज पर तेलंगाना के श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल में हुये हादसे में 8 मजदूर जींदगी और मौत से जूझ रहे हैं। मौके पर राहत एवं बचाव कार्य जारी है मगर सारे प्रयास विफल होते जा रहा हैं। हादसे को 48 घंटे बीत चुके हैं।
टनल में पानी का रिसाव और भारी गाद से बचाव अभियान में बाधा आ रही है. बचाव कार्य में और तेजी लाने के लिए भारतीय सेना और नौसेना को भी तैनात किया गया है. रेस्क्यू टीम में उन रेट माइनर्स को भी शामिल कर लिया गया है, जिन्होंने दो साल पहले उत्तराखंड टनल हादसे में फंसे हुए मजदूरों को सकुशल बाहर निकाला था।
यहां लगभग 10 मीटर की लंबाई और ठीक इतना ही डायमीटर वाली सुरंग में 8 जिंदगी कैद हो गई हैं। उत्तराखंड में 2023 में फंसे निर्माण मजदूरों को बचाने वाले रैट माइनर्स को भी मौके पर लगाया गया है. लेकिन चुनौती यहां सिलक्यारा टनल से ज्यादा गंभीर है.
उत्तराखंड में मलबा सूखा और चट्टानी था, वहीं तेलंगाना में कीचड़ और पानी की मौजूदगी ने हालात को जटिल बना दिया है. सुरंग के 11-13 किलोमीटर के बीच पानी जमा होने की बात सामने आई है, जिसके कारण मशीनों का इस्तेमाल सीमित हो गया है. उत्तराखंड में मलबे की मोटाई करीब 60 मीटर थी, जबकि तेलंगाना में ये लगभग 200 मीटर है. सबसे अहम बात यह है कि उत्तराखंड में जिस जगह पर मजदूर फंसे थे वहां उनके पास लगभग 200 मीटर की जगह थी. लेकिन तेलंगाना की इस घटना में मात्र 10 मीटर का जगह मजदूरों के पास है. इतनी कम जगह में जिंदगी बचाने की जंग लड़ना उनके लिए बेहद कठिन साबित हो सकता है।
बहरहाल मौके पर राहत बचाव कार्य जारी है।