जानलेवा बन रही वाहनों की तेज गति, हर वर्ष बढ़ रहें हैं सड़क दुर्घटनाओं के आकड़ें
प्रदेश में तेज रफ्तार वाहन लगातार दुर्घटना का कारण बन रहे हैं। जहां एक ओर सड़क चौड़ीकरण की सुविधा मानव को दी जा रही है वहीं दूसरी और इन ही सड़कों में दुर्घटनाऐ भी तेजी से बढ़ रही हैं। आंकड़ों पर नजर डालें तो वर्ष 2020 में 64.45 प्रतिशत और वर्ष 2021 में 76.79 प्रतिशत दुर्घटनाएं तेज रफ्तार वाहनों के कारण हुई हैं। ऐसे में अब प्रदेश में लगातार तेज वाहनों के खिलाफ जांच अभियान तेज करने की बात कही जा रही है। प्रदेश में हर साल सड़क दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ती हुई नजर आयी है। जानकारी के अनुसार वर्ष 2020 में 1041 सड़क दुर्घटनाएं हुईं। इन दुर्घटनाओं में 674 व्यक्तियों की मृत्यु और 471 घायल हुए। वर्ष 2022 में 1405 सड़क दुर्घटनाएं हुईं। इनमें 820 व्यक्तियों की मृत्यु और 849 घायल हुए। वर्ष 2022 में अप्रैल तक 517 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं। इनमें 318 की मृत्यु और 467 व्यक्ति घायल हुए हैं। पुलिस और पुलिस विभाग द्वारा जब इन दुर्घटनाओं पर जांच की गयी तो लापरवाही का मामला सामने आया है। दुर्घटनाओं का सबसे बड़ा कारण सामने आया है कि तेज रफ्तार से वाहनों को सड़कों में दौड़ने जाता है। आकड़ों के मुताबिक तेज रफ्तार से वाहनों को चलने से ही सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं हुई हैं। इसके साथ ही सड़क दुर्घटनाओं के अन्य कारण भी शामिल हैं। जैसे गलत तरीके से वाहनों को ओवरटेक करना, अचानक जानवरों का तेज वाहन के सामने आ जाना, शराब पीकर गाडी चलना, मौसम की स्थिति, सड़कों की स्थिति, ओवर लोडिंग, मोबाइल का प्रयोग, वाहन चालक का बीमार होना आदि। इनमें भी दुपहिया, कार और भारी भार वाहनों से सबसे अधिक सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं। इन पर रोक लगाने के लिए पुलिस व परिवहन विभाग को प्रवर्तन अभियान में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।