Thursday, May 2, 2024
अंतरराष्ट्रीय

अमेरिका ने फिर उठाया भारत में ‘मानवाधिकारों के हनन’ का मुद्दा, मोदी सरकार को दी नसीहत

अमेरिका ने मानवाधिकारों के मुद्दे पर एक बार फिर से भारत को नसीहत दी है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने सोमवार को एक रिपोर्ट जारी करके हुए कहा कि वह भारत से अपने मानवाधिकार दायित्वों और प्रतिबद्धताओं को बनाए रखने के लिए दृढ़ता से आग्रह करता रहेगा। प्रशासन ने सोमवार को ‘2022 कंट्री रिपोर्ट्स ऑन ह्यूमन राइट्स प्रैक्टिस’ जारी करते हुए यह बात कही। रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले साल भारत में कथित गैरकानूनी हत्याओं, प्रेस की स्वतंत्रता के समक्ष चुनौती, निजता में हस्तक्षेप और धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने वाली हिंसा सहित मानवाधिकारों के उल्लंघन के कई मामले सामने आए।

लोकतंत्र, मानवाधिकार और श्रम से जुड़े मामलों की कार्यवाहक सहायक मंत्री एरिन बार्कले ने मानवाधिकारों पर  रिपोर्ट जारी होने के बाद पत्रकारों से कहा, ‘अमेरिका और भारत नियमित रूप से लोकतंत्र और मानवाधिकारों के मुद्दों पर उच्च स्तर पर परामर्श करते हैं। हम भारत से अपने मानवाधिकार दायित्वों और प्रतिबद्धताओं को बनाए रखने के लिए दृढ़ता से आग्रह करते रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे।’ उन्होंने कहा, ‘इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है, हम नियमित रूप से अमेरिका और भारत दोनों जगह नागरिक संगठन के संपर्क में रहे हैं, ताकि उनके दृष्टिकोण को सुन सकें और उनके अनुभवों से सीख सकें और हम भारत सरकार को भी उनसे परामर्श करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।’

स्वतंत्र मीडिया का समर्थन करते रहेंगे

भारत में 2002 के गुजरात दंगों पर हाल में ‘बीबीसी’ मामले  पर किए एक सवाल के जवाब में बार्कले ने कहा कि अमेरिका प्रेस की स्वतंत्रता का समर्थन करना जारी रखेगा। उन्होंने कहा, ‘जहां तक ‘बीबीसी’ मामले की बात है, हम उससे अवगत हैं और हम दुनियाभर में स्वतंत्र मीडिया का समर्थन करते रहेंगे और यही संदेश हमने दिया भी है।’ विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन द्वारा जारी विदेश मंत्रालय की वार्षिक मानवाधिकार रिपोर्ट अमेरिकी कांग्रेस की एक अनिवार्य प्रक्रिया है। रिपोर्ट में दुनिया भर के देशों में मानवाधिकारों की स्थिति का विवरण दिया जाता है।

इस वार्षिक रिपोर्ट में मानवाधिकारों के बड़े पैमाने पर उल्लंघन के लिए ईरान, उत्तर कोरिया और म्यांमार के साथ-साथ रूस और चीन की भी आलोचना की गई है। रिपोर्ट में रुस-यूक्रेन युद्द का भी जिक्र किया गया है। ब्लिंकन ने रिपोर्ट में कहा कि रूस ने फरवरी 2022 में यूक्रेन पर आक्रमण किया… रूसी सुरक्षा बल के आक्रमण के दौरान युद्ध अपराधों को अंजाम देने और अन्य अत्याचार करने की कई खबरें हैं। इनमें महिलाओं और बच्चों के खिलाफ यौन हिंसा सहित नागरिकों को फांसी देना और लिंग आधारित हिंसा शामिल है। उन्होंने कहा कि वहीं चीन ने शिनजियांग में खासतौर पर मुस्लिमों और अन्य जातीय व धार्मिक अल्पसंख्यक समूहों के सदस्यों के खिलाफ नरसंहार किया और कई अपराधों को अंजाम दिया।

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