गढ़वाल को साधने निकलेंगे पीसीसी चीफ करन माहरा, 28 अप्रैल से शुरू होगा दौरा
देहरादून- कांग्रेस आलाकमान द्वारा उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस के तीन महत्वपूर्ण पद कुमाउं की झोली में डालने के बाद अब पार्टी के साने गढ़वाल की लीडरशिप को साधने की चुनौती है। जिसके लिये कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कवायद शुरू कर दी है। करन माहरा 28 अप्रैल से गढ़वाल के दौरे पर निकल रहे हैं। 28 अप्रैल को मसूरी से राज्य आंदोलन के शहीदों को नमन कर माहरा गढ़वाल की यात्रा शुरू करेंगे। प्रदेश अध्यक्ष के दौरे का एक मात्र एजेंडा है कि गढ़वाल के नेता और कार्यकर्ताओं को किसी भी तरह मनाकर मिशन 2024 के लिये एकजुट किया जाए। आपको बता दें कि विधानसभा चुनाव में हार का सामना करने के बाद कांग्रेस आलाकमान ने पहले ही दिन प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल का इस्तीफा मांग लिया था। चुनाव नतीजे आने के ठीक एक माह बाद काईकमान ने उत्तराखण्ड की बागडोर रानीखेत से चुनाव हारने वाले युवा नेता करन माहरा को सौंप दी। इसके आलावा सदन में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी यशपाल आर्य और उप नेता प्रतिपक्ष का जिम्मा भुवन कापड़ी को दिया गया। ये तीनों नेता कुमाउं से आते हैं और कांग्रेस का एक धड़ा इस बात से खासा नाराज है। गढ़वाल बाहुल्य नेताओं के इस धड़े का मानना है कि हाईकमान ने प्रदेश कांग्रेस में कुमाउं को एकाधिकार दे दिया है जबकि गढ़वाल मंडल की अनदेखी की गई है। इसके बाद नये दायित्वधारियों ने घर-घर जाकर नाराज नेताओं से मुलाकात भी की और उन्हें मनाने की भरसक कोशिशें हुईं। देहरादून में मौजूद वरिष्ठ नेताओं के बाद अब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने गढ़वाल जाकर छोटे-बड़े हर नेता से मुलाकात कर उन्हें मनाने की तैयारी कर ली है।