26/11 हमले का साजिशकर्ता तहव्वुर राणा किसी भी वक्त पहुंच सकता है भारत, मुंबई हमले के बाद अब तक क्या क्या हुआ? जानिए
भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई पर 2008 में हुए आतंकी हमलों की साजिश रचने वाला तहव्वुर राणा किसी भी वक्त भारत पहुंच सकता है। भारत पिछले 17 वर्षों से राणा और उसके साथी डेविड कोलमैन हेडली के प्रत्यर्पण की कोशिश में लगा था, जो कि 2009 में ही अमेरिका में गिरफ्तार हुए थे। हालांकि, उन पर केस आतंकवाद फैलाने से जुड़े कुछ और मामलों में चला था। हेडली के मामले में भारत को फिलहाल खास सफलता नहीं मिली है, लेकिन तहव्वुर राणा के मामले में अमेरिका की निचली अदालतों से लेकर सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के दावों को मानते हुए उसके प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी।
आइये जानते हैं तहव्वुर राणा के मुंबई हमलों को अंजाम देने से लेकर उसके भारत प्रत्यर्पण तक की पूरी कहानी…
26 नवंबर 2008
मुंबई में हुआ आतंकी हमला
साल 2008 में मुंबई में पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने घुसकर शहरभर में हमले किए थे। इन बर्बर हमलों में छह अमेरिकी नागरिकों और कुछ यहूदियों समेत 166 लोग मारे गए थे।
अक्तूबर 2009
अमेरिकी एयरपोर्ट पर हुई गिरफ्तारी
डेविड हेडली और तहव्वुर हुसैन राणा को अमेरिका के शिकागो में स्थित ओहारे अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर गिरफ्तार किया गया। यह दोनों अमेरिका से पाकिस्तान भागने की कोशिश में थे।
11 नवंबर 2009
भारत में एनआईए ने हेडली-राणा को बनाया आरोपी
एनआईए ने मुंबई हमलों के साजिशकर्ता के तौर पर डेविड कोलमैन हेडली और तहव्वुर राणा के नाम का खुलासा किया। इन दोनों के खिलाफ यूएपीए के तहत केस दर्ज किया गया।
23 मई 2011-9 जून 2011
2011 में राणा पर अमेरिका में दोनों मामलों में मुकदमा चलाया गया और उसे डेनिश अखबार पर हमला करने की साजिश में पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा को मदद पहुंचाने का दोषी ठहराया गया। हालांकि, कई सबूत होने के बावजूद अमेरिकी जिला अदालत की जूरी ने उसे मुंबई हमलों में शामिल होने के आरोप से बरी कर दिया।
24 दिसंबर 2011
एनआईए ने दायर की चार्जशीट
भारत की एनआईए ने तहव्वुर राणा, डेविड हेडली, लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख हाफिज सईद, जकी-उर-रहमान लखवी, अल-कायदा के इलियास कश्मीरी और पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों समेत कुल 9 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की।
17 जनवरी 2013
तहव्वुर राणा को अमेरिका में 14 साल की सजा
तहव्वुर राणा को संघीय जेल में 14 साल की सजा सुनाई गई, इसके बाद उसे पांच साल तक निगरानी में रखने का निर्देश दिया गया। यह तब हुआ, जब डेविड हेडली ने दोनों मामलों में अभियोजकों को खुलकर तहव्वुर राणा के खिलाफ सबूत दिए थे। हालांकि, राणा के वकीलों का कहना था कि डेविड हेडली झूठ बोलकर बच निकलने में माहिर रहा है। उसने कई पुराने दोस्तों को आपराधिक मामलों में फंसाया और खुद कम सजा के साथ बच निकला।
2014
दिल्ली की अदालत ने जारी किए गैर-जमानती वारंट
दिल्ली की एक सत्र अदालत ने भारत की पकड़ से दूर तहव्वुर राणा समेत नौ आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए।
दिसंबर 2019
भारत ने फिर की प्रत्यर्पण की मांग
भारत ने आधिकारिक तौर पर अमेरिका को राजनयिक नोट सौंपा। तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण की मांग उठाई।
मई 2020
अमेरिका की जेल से मिली आजादी
अमेरिका में तहव्वुर राणा को को कोरोनावायरस से संक्रमित होने के बाद स्वास्थ्य कारणों से दक्षिण कैलिफोर्निया की टर्मिनल आईलैंड जेल से रिहाई दे दी गई। उसने सजा भी पूरी नहीं की थी।
10 जून 2020
लॉस एंजेलिस से फिर हुई गिरफ्तारी
भारत ने राणा के पहुंच से दूर हो जाने की आशंका के मद्देनजर प्रत्यर्पण और अंतरिम गिरफ्तारी की अपील को अमेरिकी प्रशासन के सामने बढ़ाया। इसके बाद राणा को फिर से लॉस एंजेलिस से गिरफ्तार कर लिया गया।
मई 2023
राणा को अदालत से मिला पहला झटका
कैलिफोर्निया के एक जिला न्यायालय ने राणा को भारत प्रत्यर्पित किए जाने का फैसला दिया। अमेरिकी सरकार ने भी राणा के भारत प्रत्यर्पण को दोनों देशों के बीच की संधि के तहत वैध माना।
अगस्त 2024
फिर ठुकराई गई अपील
कैलिफोर्निया में स्थित संघीय अदालत ने भी प्रत्यर्पण के खिलाफ दी गई राणा की अपील को ठुकरा दिया।
सितंबर 2024
सभी निचली अदालतों से झटका
राणा की अपील को सैन फ्रैंसिस्को नॉर्थ सर्किट की अपीलीय अदालत ने भी खारिज कर दिया और उसके प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी।
इसी के साथ तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण को अमेरिका की सभी निचली अदालतों में मंजूरी मिली। इस पूरे मामले में गौर करने वाली बात यह रही कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के नेतृत्व वाली सरकार ने भारत का साथ दिया। राणा ने जब अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली, तब भी बाइडन प्रशासन ने जल्द से जल्द उसकी याचिका खारिज करने की मांग की।
21 जनवरी 2025
सुप्रीम कोर्ट ने भी दी प्रत्यर्पण को मंजूरी
अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट ने भी तहव्वुर राणा को झटका दिया और उसके प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी।
27 फरवरी 2025
राणा ने दायर की समीक्षा याचिका
राणा ने एक समीक्षा याचिका दायर कर कहा कि भारत में उसे पाकिस्तानी मुस्लिम होने की वजह से प्रताड़ित किया जाएगा। उसने पार्किंन्सन और किडनी की खराबी समेत कई और बीमारियों का बहाना बनाया।
6 मार्च 2025
अदालत ने नहीं दी कोई राहत
सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को भी खारिज कर दिया और प्रत्यर्पण का रास्ता साफ कर दिया।
20 मार्च 2025
चीफ जस्टिस से प्रत्यर्पण रोकने की मांग
तहव्वुर राणा ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस जॉन रॉबर्ट्स को आवेदन देकर प्रत्यर्पण रोकने की मांग उठाई।
7 अप्रैल 2025
राणा की आखिरी कोशिश भी असफल हुई
चीफ जस्टिस रॉबर्ट्स ने राणा की मांग को अस्वीकार कर दिया। उसके प्रत्यर्पण का रास्ता साफ हुआ।
9 अप्रैल 2025
अमेरिका ने तहव्वुर राणा को भारत प्रत्यर्पित किया
अमेरिका ने तहव्वुर राणा को भारत प्रत्यर्पित किया। एनआईए के अधिकारी प्रत्यर्पण के लिए अमेरिका पहुंचे। भारत लाने के बाद उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा।