विधानसभा की 228 भर्तियों को किया गया निरस्त, सचिव मुकेश सिंघल निलंबित
जी हां विधानसभा अध्यक्षों के रहमोकरम पर नौकरी पाने वाले 228 लोगों की नियुक्तियां रद्द कर दी गई हैं। विशेष जांच समिति की रिपोर्ट पर आज विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी ने 228 नियुक्तियां रद्द करते हुये इन्हें घर का रास्ता दिखा दिया है। जिन नियुक्तियों को निरस्त किया गया है उसमें 150 नियुक्तियां पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल के कार्यकाल की हैं जबकि 78 नियुक्तियां पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल के कार्यकाल की हैं। यानी साल 2012 से लेकर 2021 के बीच दो विधानसभा अध्यक्षों के कार्यकाल की भर्तियों को नियम विरूद्ध पाया गया और इन सभी नियुक्तियों को रद्द कर दिया गया है। इसके साथ ही विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी ने विधानसभा के सचिव मुकेश सिंघल को भी निलंबित कर दिया है। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी ने कहा है कि इन भर्तियों में धांधली हुई है लिहाजा इन्हें निरस्त किया जा रहा है। आपको बता दें कि बीती 3 सितंबर को विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी ने नियुक्तियों को लेकर एक जांच विशेषज्ञ समिति का गठन किया था, समिति को 1 महीने में जांच पूरी करने को कहा गया था मगर समिति ने 22 दिन के भीतर जांच पूरी कर अपनी रिपोर्ट विधानसभा अध्यक्ष को सौंप दी, जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने 2012 से लेकर 2021 के बीच हुई सभी नियुक्तियों को रद्द कर दिया है। अब बारी राज्य गठन से लेकर 2012 तक हुई नियुक्तियों की है दूसरे चरण के तहत अब इन नियुक्तियों की जांच होनी है।