21 जून को होगा भारत का पहला सूर्यग्रहण …. सबसे ख़ास ये है की ये पूर्ण ग्रहण ‘रिंग ऑफ फायर’ की तरह लगेगा ….. दुर्लभ नज़ारा होगा और दिलचस्प होगा वो लम्हा जब चंद्रमा सूरज को पूरी तरह से अपनी आगोश में समेट लेगा। जो लोग इस दुर्लभ नज़ारे को देखेंगे उनको एक समय पर केवल चमकते सूर्य का बाहरी हिस्सा ही रौशनी बिखेरता नज़र आएगा यानी ठीक एक अंगूठी की चमक जैसी छवि बनेगी। हालांकि ‘रिंग ऑफ फायर’ का यह नजारा कुछ सेकेंड से लेकर 12 मिनट तक ही देखा जा सकेगा।
यह ग्रहण भारतीय समय के मुताबिक सुबह नौ बजे शुरू होगा और दोपहर तीन बजे तक रहेगा यानी पूर्ण ग्रहण 10 बजकर 17 मिनट पर होगा। यह ग्रहण अफ्रीका, पाकिस्तान के दक्षिण भाग में, उत्तरी भारत और चीन में भी देखा जा सकेगा। भारत में यह खंडग्रास चंद्र ग्रहण होगा। आपको यहाँ बता दें कि 21 जून का दिन, सबसे बड़ा दिन होता है और उस दिन इतने लंबे समय तक सूर्य ग्रहण का होना अपने आप में एक दुर्लभ खगोलीय घटना है। वैज्ञानिक भी मानते हैं कि ऐसा संयोग कई सालों बाद आया है। एक अनुमान के मुताबिक इस दिन सूर्य और पृथ्वी के बीच 15,02,35,882 किमी की दूरी होगी। इस समय पर चांद अपने पथ पर चलते हुए 3,91,482 किमी की दूरी बनाए रखेगा।
सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि कई देशों में ग्रहण को शुभ नहीं माना जाता है और तो और ये भी कहा जाता है कि पूर्ण ग्रहण ज़रूर कोई बड़ी अनिष्टकारी घटना लाता है। हांलाकि दुनिया इस वक़्त सबसे बड़ी आफत से जूझ रही है और वो है कोरोना जिसने दुनिया भर में लाखों इंसानों को अपनी गिरफ्त में ले लिया है। ये अलग बात है की इंसान चांद पर बसने के सपने देखने लगा है अब ऐसे में ग्रह-नक्षत्रों की हकीकत भी सराम हो चुकी है। फिर भी भारत में कई धारणाएं आज भी मजबूती के साथ प्रचलन में है। आपको बता दें कि पृथ्वी और चंद्रमा दोनों अलग-अलग कक्षाओं में अपनी धुरी के चारों ओर घूमते हुए सूर्य के चक्कर लगा रहे हैं। सूर्य स्थिर है….. पृथ्वी और चंद्रमा के भ्रमण की गति अलग-अलग है। सूर्य का आकार चंद्रमा से 400 गुणा अधिक बड़ा है। लेकिन पृथ्वी से सूर्य की दूरी, चंद्रमा की तुलना में अधिक है। इस निरंतर परिक्रमाओं के दौर में जब सूरज और धरती के बीच चंद्रमा आ जाता है तो धरती से ऐसा दिखता है जैसे सूर्य का एक भाग ढंक गया हो। जबकि हकीकत ये है कि पृथ्वी पर चंद्रमा की छाया ही पड़ती है। इस छाया में खड़े हो कर सूर्य को देखने पर पूर्ण ग्रहण जैसे नज़ारे दिखाई देते हैं। परछाईं वाला क्षेत्र सूर्य की रोशनी से वंचित रह जाता है, सो वहां दिन में भी अंधेरा हो जाता है। इंतज़ार है आने वाली 21 जून का जब दुनिया और देश में ये अनोखी खगोलीय घटना को हम और आप अपनी आँखों से देख सकेंगे।