2021 में देश का पहला खिलौना मेला, अब भारत बनेगा आत्मनिर्भर
-आकांक्षा थापा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज भारत के पहले खिलौना मेला का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री द्वारा यह उद्घाटन एक वीडियो कॉन्फ्रेन्स के ज़रिये किया गया। देश के पहले ऑनलाइन खिलौने मेले की शुरुआत पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की। खिलौने मेले की शुरुआत करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘हमारे खिलौने उन्हें दोबारा इस्तेमाल करने और रीसाइक्लिंग सिस्टम को दर्शाते हैं, जो भारतीय जीवन शैली का एक हिस्सा रहा है। ज्यादातर भारतीय खिलौने प्राकृतिक हैं और पर्यावरण के अनुकूल सामग्री से बने हैं। इन खिलौनों में इस्तेमाल होने वाले रंग भी प्राकृतिक और सुरक्षित हैं।’
वर्चुअल मेला 27 फरवरी से शुरू होकर 4 दिन तक चलेगा, इसका उद्देश्य “आत्मनिर्भर भारत” और “वोकल फॉर लोकल” अभियान को बढ़ावा देना है।
यह मेला स्वदेशी उत्पादों को प्रोत्साहित करने के लिए आयोजित किया जा रहा है।
यह ऐसा पहला डिजिटल मंच है जहां देश के विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 1,000 से अधिक प्रदर्शक विभिन्न खिलौने प्रदर्शित करेंगे। इस दौरान वह हितधारकों के साथ वेबिनार, पैनल चर्चा व अन्य गतिविधियों में भाग लेंगे। फेयर के लिए अब तक 10 लाख से अधिक पंजीकरण हुए हैं…
यह मेला भारतीय खिलौना उद्योग को वैश्विक मंच देने के लिए आयोजित किया जा रहा है। ताकि देश के खिलौना निर्माता दुनिया की जरूरतों को समझें और खुद का अलग स्थान बना सकें। भारत के अलग-अलग प्रदेशों से विभिन्न खिलौने आएंगे, राजस्थान का उद्योग विभाग इस मेले में पारंपरिक खिलौनों के साथ राज्य के बढ़ते खिलौना उद्योग को प्रदर्शित करेगा। यहां राज्य में नए उद्योगों को निवेश प्रोत्साहन नीति 2019 के साथ अलवर के खुशखेड़ा में खेल साजो-सामान व खिलौना जोन की स्थापना के बारे में जानकारी दी जाएगी। विभिन्न राज्यों से पारम्परिक खिलौनों सहित मेले में इलेक्ट्रॉनिक खिलौने, प्लश खिलौने, पजल्स और गेम सहित मॉर्डन खिलौने प्रदर्शित किए जाएंगे। खिलौनों के प्रदर्शन के अलावा खिलौना उद्योग को मजबूती देने के लिए मेले में पैनल डिस्कशन और वेबिनार भी आयोजित किए जाएंगे…
वीडियो कॉन्फ्रेन्स के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने देश के टॉय मैन्युफैक्चरर्स से अपील कि वे ऐसे खिलौने बनाएँ जो इकोलॉजी और साइकोलॉजी दोनों के लिए ही बेहतर हों, साथ ही खिलौनों में कम से कम प्लास्टिक इस्तेमाल की जाए और खिलौनो में ऐसे पदार्थो का उपयोग किया जाए जिन्हें रीसायकल किया जा सकता हो।