नहीं रहे 130 साल के संत सियाराम, सुबह 6 बजे ली अंतिम सांस, आजीवन रामायण का हर दिन 18 घंटे करते रहे पाठ
मध्य प्रदेश के खरगोन में आज मां नर्मदा का तट सूना हो गया। क्योंकि इसी तट पर आजीवन हर रोज रामायण का 18 घंटे पाठ करने वाले रामभक्त संत सिरोमणि बाबा सियाराम नहीं रहे। आज सुबह 6 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली, वो लंबे समय से बीमार चल रहे थे। बीते कुछ दिनों में उनके निधन की अफवाह भी फेली लेकिन आज सुबह उनका निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार शाम 4 बजे भट्टयान के तट पर किया जाएगा।
संत सियाराम बाबा मध्य प्रदेश के खरगोन में नर्मदा नदी के किनारे स्थित भट्टयान आश्रम के संत थे और यहीं रहते थे. बाबा की वास्तविक उम्र कोई नहीं जानता. कुछ लोग कहते हैं कि बाबा 130 साल के थे, जबकि कुछ कहते हैं कि वे 110 साल के थे. चमत्कार ये था कि इस उम्र में भी संत सियाराम बाबा बिना चश्मे के रोजाना 17 से 18 घंटे रामायण का पाठ किया करते थे. कहा जाता है कि इतनी उम्र होने के बावजूद वो अपना सारा काम खुद ही करते थे और अपना खाना भी खुद ही बनाते थे।
चाहे भीषण गर्मी हो, भीषण सर्दी हो या भारी बारिश, बाबा सिर्फ एक लंगोट में ही रहते थे. कहा जाता है कि उन्होंने साधना के माध्यम से अपने शरीर को मौसम के अनुकूल बना लिया था. बाबा के शरीर की बनावट को देखकर ही अंदाजा लगाया जा सकता था कि वे दिव्य पुरुष थे। उनके निधन से मध्यप्रदेश समेत पूरे देश में उनके चाहने वाले भक्तों में शोक की लहर है।